लगता है की हसाड़े सोणे ते मन मोहने पी एम् के सब्र का बांध टूटने लगा है तभी उन्होंने आज एलान कर दिया है कि उनके विरुद्ध आरोप साबित हो जाएँ तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे |
दरअसल टीम अन्ना के अति उत्साही सदस्य विशेषकर एडवोकेट प्रशांत भूषण ने तो पी एम् को भ्रष्टाचारी और शिखंडी तक कह दिया है इसके ठीक विपरीत अन्ना हजारे किसी सबूत के होने
से ही इनकार कर रहे हैं|ऐसे में बिना सबूत के पी एम् पर आरोप लगाने और शिखंडी कि उपमा का प्रयोग किया जाना आलोचना का बायस तो है ही|शिखन्डी महाभारत महा काव्य का एक ऐसा
किन्नर पात्र है जिसे सामने रख कर धर्म के नाम पर अधर्मी युद्ध लड़ा गया था अब पी एम् को किन्नर कहना कहीं भी उचित नहीं कहा जा सकता |वैसे पी एम् साहब अपने को हमेशा बार बार
पाक साफ़ साबित करने कि आपको जरूरत नहीं है मगर श्रीराम ने महज़ एक सामान्य नागरिक के आरोप लगाने भर से ही सीता माता का त्याग कर दिया था
इस कलयुग में ऐसा करना संभव और उचित नहें होगा फिर भी जनता कि तसल्ल्ली के लिए जांच के आदेश दे ही डालिए
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