Tuesday, May 29, 2012

कलकत्ता नाईट राइडर्सका राइटर्स बिल्डिंग्स में सम्मानित किया गया

त्रिमुल कांग्रेस की मुखिया और वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी  आज कोलकता के ईडन गार्डन में क्रिकेट[आई.पी.एल.] प्रेमिओं को इकट्ठा  करके केंद्र सरकार को अपनी शक्ति का प्रदर्शन  करने में सफल रही |शाहरुख़ खान की कलकत्ता नाईट राइडर्स[के.के.आर]ने आई पी एल  ५ की ट्रोफी जीत ली |इसपर कोलकत्ता में राइटर्स बिल्डिंग्स के प्रान्गढ़  में टीम को सम्मानित किया गया |इस आयोजन को सरकारी आयोजन की शक्ल दे दी गई |राज्यपाल ने अंग वस्त्र गले में पहना कर खिलाडिओं को सम्मानित किया और मुख्यमंत्री ने सोने की चैन+ लोकेट पहनाये|
   इस पूरे आयोजन में ममता ही मेहनत करती दिखाई दी |राज्यपाल का हाथ पकड़ कर इधर से उधर ले जाना हो |भीड़ को नियंत्रित करना हो |फोटो ग्राफरों को दिशा निर्देश देना हो|सभी कामो में केवल ममता ही नीले बार्डर  वाली  सफ़ेद साड़ी  को संभालते ही दिखाई दी|खिलाड़ी जबकि गर्मी से ढीले थे और शाहरुख़ तो पसीने से तरबतर हो रहे थे मगर ममता के उत्साह में कोई कमी नहीं थी|समय समय पर  जनता का अभिवादन करने को खिलाडिओं को   भी कहने  से भी नहीं चुकीं|इससे पहले कोलकत्ता की सडकों पर टीम का विजय जुलूस भी निकाला गया | बेशक के के आर की यह जीत किसी देश या प्रदेश की जीत नहीं  है केवल एक क्रिकेट के क्लब  की जीत है और इसके मालिक  करोडपति   शाहरुख़ खान है इसपर भी इस जीत को कोलकत्ता प्रदेश की जीत के रूप में प्रोजेक्ट  किया गया | स्टेडियम में दर्शकों  में यधपि अधिकाँश क्रिकेट प्रेमी थे मगर ममता ने  दुपहर दो बजे तक माइक हाथ में रख कर यह जता दिया की यह शो उनका था उनकी सरकार का था | जो लोग पेट्रोल विवाद  पर  टी एम् सी के अड़ियल  रुख  में मद्दे नज़र   ममता को  केंद्र से  स्पोर्ट वापिस  लेने को कह रहे थे अब दुबारा इस राजनितिक   सहयोग की कंडीशंस    पर सोचेंगे |
   अब यदि यह मान लिया जाए की यह सरकारी आयोजन था तब इतना महँगा आयोजन किस द्रष्टि से  न्यायोचित हो सकता है \एक तरफ प्रदेश सरकार सरकारी लोन पर ब्याज की माफी की मांग कर रही हैं |पेट्रोल पर से स्टेट का वैट हटाने को तैयार नहीं हैं|यहाँ तक की स्वयम अपने राज्य को गरीब राज्य कहने से भी कभी नहीं चूकी मगर इस करोड़पतिओं के खेल के  करोड़ों के मालिकों को सोने के मेडल और चैन दिए गए पूरे राज्य की पोलिस और मशीनरी लगाई गई \बेशक कोलकत्ता ने  खेल के प्रति अपनी दीवानगी का बखूबी प्रदर्शन किया इसलिए उनकी भावनाओं की कद्र की गई मगर  एक प्रश्न तो उठता ही है की क्या बंगाल वाकई गरीब प्रदेश है???

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