Tuesday, May 29, 2012

पी एम् के  जवाब  से  टीम अन्ना एक दम बैक फुट पर आ गई है

पी एम् ने कोयले की दलाली में अपने  हाथ काले साबित होने पर सार्वजानिक जीवन से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है |संभवत इस झटके  के लिए  पी एम् पर भ्रष्टाचार तथा  शिखंडी होने  के आरोप उछालने वाली  टीम अन्ना  तैयार नहीं थी तभी एक दम बैक फुट पर आ गई है 
  वैसे तो हसाड़ा सोणा ते  मनमोहना 'पी एम् कभी बोलता नहीं मगर  जब  कभी भी बोलता है तो थोड़ा बहुत समझ में भी नहीं आता मगर जिनकी समझ में आ जाता है उनकी तो  बोलती बंद  ही हो  जाती  है |
अभी  तक डाक्टर मन मोहन सिंह के पास  सेल्फ डिफेन्स या  दूसरों पर अटैक की  विशेषता  की   कोई मान्यता प्राप्त  डिग्री नहीं है |इसीलिए   पी  एम् बनने से पहले जब कभी  भी उन्हें घेरा गया उन्होंने इस्तीफा देने को ही प्राथमिकता दी है |लेकिन अब की बार म्यांमार की क्रांतिकारी नेत्री आंग  सां  सू की  से मुलाक़ात करके  उत्साह+क्रांतिकारी विचारों से लबरेज  हैं तभी तो घर पहुंचने  से पहले   हवाई जहाज  में ही अपने क्रांतिकारी परिवर्तन  का प्रदर्शन  कर दिया है|डाक्टर मन मोहन सिंह ने अपने पुराने इस्तीफे वाले स्वाभाव और नए  प्राप्त क्रान्ति कारी विचारों को मिला कर एक नया  राजनितिक  जीवन दायक रसायन तैयार करके  मीडिया के समक्ष  परोसा है |
   टीम अन्ना के मुखिया बाबु  राव अन्ना हजारे पहले ही पी एम् को इमानदार बता चुके हैं अब टीम के फायर ब्रांड  एडवोकेट  प्रशांत भूषण  ने भी तत्काल मीडिया को बुला कर कह दिया है की उन्होंने पी एम् को शिखंडी नहीं कहा 
वरन भ्रष्ट मंत्रिओं द्वारा  पी एम् को  शिखंडी की तरह कवच की तरह इस्तेमाल किये जाने की बात कही थी |इसीबीच  एक और बचाव की दलील देते हुए एडवोकेट ने यह भी स्वीकार कर लिया को वह स्वयम भी डाक्टर मनमोहन सिंह को  व्यक्तिगत तोर  पर इमानदार ही  मानते है लेकिन उनकी ठीक नाक के   नीचे भ्रष्टाचार हो रहा है उसकी जांच तो होनी ही चाह्हिये |
  इससे पूर्व टीम अन्ना ने केंद्र सरकार के १५ मंत्रिओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा कर इनके  ट्रायल के लिए फास्ट ट्रेक कौर्ट्स के गठन की मांग की थी इस लिस्ट में डाक्टर मन मोहन सिंह का नाम भी शामिल किया गया था | डाक्टर मनमोहन सिंह के पास कोयला मंत्रालय का भी चार्ज रहा है उस समय की  आडिट रिपोर्ट  के आधार पर टीम अन्ना ने  अब प्रधान मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये हैं|   ऐसा प्रतीत  होता है की टीम अन्ना  सुनार वाली रोजाना की ठुक ठुक से आजीज  आ चुकी है इसीलिए लौहार  वाली  एक जोरदार  ठाक   लगाना चाहती है वैसे कील थौकने के लिए कल के टॉप  पर ही प्रहार लाभकारी रहता है | इस पर टीम अन्ना की अनेकों राजनितिक गलियारों में आलोचना भी हुई है |अपने ऊपर लगाये गए आरोपों से क्षुब्ध  हो कर डाक्टर मन मोहन सिंह ने यह कह दिया है की अगर कोयले की दलाली में उनके  हाथ  काले साबित हो जाएँ  तो वह तत्काल राजनीती   से संन्यास ले लेंगे [जमोस सबलोक]         

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