लो जी अब इंडियन एक्सप्रेस कहने लगा है की अन्ना हजारे की किरण बेदी ने अपने साथी और सरकार के गले की हड्डी अरविन्द केज़रिवाल के एनजी ओ के खातो की जांच की मांग कर दी है इन तीनो ने भी बिना देरी किये फरमा दिया है की कहीं कोई सूत नहीं है और ना ही कहीं कपास ही है फिर ये इंडियन एक्सप्रेस वाले लठ लेके क्यूं चड आ रहे ??
किरण बेदी ने तो टी वी पर ही अरविन्द के चरित्र और उसके एन जी ओ को पाक साफ़ बता कर अखबार की खबर की हवा निकाल दी |बेदी ने अरविन्द के एन जी ओ को वेल आडिटेड एन जी ओ बताया कहा की प्रकार की किसी भी चिठ्ठी से अन्ना ने भी इनकार किया है ।
रही सही कसर के लिए अरविन्द केज़रिवाल ने अखबार के खिलाफ अदालत का दरवाज़ा खटखटाने की बात उछाल दी है |
किरण बेदी ने तो टी वी पर ही अरविन्द के चरित्र और उसके एन जी ओ को पाक साफ़ बता कर अखबार की खबर की हवा निकाल दी |बेदी ने अरविन्द के एन जी ओ को वेल आडिटेड एन जी ओ बताया कहा की प्रकार की किसी भी चिठ्ठी से अन्ना ने भी इनकार किया है ।
रही सही कसर के लिए अरविन्द केज़रिवाल ने अखबार के खिलाफ अदालत का दरवाज़ा खटखटाने की बात उछाल दी है |
इससे पहले भी कई बार अन्ना हजारे सरकार पर अन्ना हजारे की टीम के खिलाफ षड्यंत्र लगाने का आरोप लगा चुके हैं अब चूँकि जून से अन्ना हज़ारे की टीम ने आन्दोलन का एलान कर रखा है और जून आने को ही है दूसरे साथी चौहान का एक्सपलोसिव फूस हो चुका है इसीलिए यह नया डिवायस लगाया गया है
किरण बेदी ने फरमाया है की भई चिट्टियां तो एक दूसरे को लिखी जाती ही है मगर उसका मतलब तो जायज ही निकाला जाना चाह्हिये
इसका अभिप्राय है की कहें ना कहीं तिल जरूर है उसी का ताड़ बनाने की जिद जारी है \
वैसे कहीं पेट्रोल की आंच से तमतिमाये लोग इस ताड़ के नीचे ठंडी हवा लेने की तो नहीं सोच रहे ??
किरण बेदी ने फरमाया है की भई चिट्टियां तो एक दूसरे को लिखी जाती ही है मगर उसका मतलब तो जायज ही निकाला जाना चाह्हिये
इसका अभिप्राय है की कहें ना कहीं तिल जरूर है उसी का ताड़ बनाने की जिद जारी है \
वैसे कहीं पेट्रोल की आंच से तमतिमाये लोग इस ताड़ के नीचे ठंडी हवा लेने की तो नहीं सोच रहे ??
2 comments:
whatever they say
we want lokpal so we should support Anna.
Yessssssssssss
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