Sunday, April 15, 2012

 Condition Of Books 
कथित एलीट स्कूल के ये छात्र  मुह माँगी फीस दे कर भी वाहन को धक्का देने को अभिशप्त हैं 
 शिक्षा के प्रसार के लिए शिक्षक+,शिष्य+उचित  शिक्षा सामग्री हो तो शानो शौकत के बगैर एक शामियाने में भी उद्देश्य प्राप्त किया जा सकता है मगर बीते ६ दशकों से केवल भवनों की संख्या को बढाने पर ही जोर दिया जा रहा है।यह देख कर संत  कबीरके अनुसार  कंकर पाथर के ये  स्कूल  रूपी पवित्र स्थल किसी संत की आत्मा को छु नहीं पा रहे है ।
जाहिर है इससे शिक्षा का स्तर गिरना स्वाभाविक है । शानौ शौकत से सजे संस्थान  आज केवल डिग्री बेचने तक सिमित हैं इसीके फलस्वरूप  पडने वालों में असंतोष  और   वंचितों में आक्रोश  है।
अब जाकर शिक्षा का अधिकार दिया जा रहा है।यह  यूपीए सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है इसके जन्म दाता  मानव संसाधन विकास मंत्री  एडवोकेट कपिल सिबल हैं।भरसक प्रयासों के बावजूद भी पिछले दो सालों से सर्वोच्च न्यायालय में लंबित इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर   अदालत ने भी  अपनी हाँ की मोहर लगा दी है ।जाहिर है की अब सरकार और विशेषकर कपिल सिबल के साथ साथ कम से कम २५%निर्धन छात्रों के  लिए खुश होने के सारे अवसर हैं।लेकिन दिल्ली अभी दूर नज़र आती है क्योंकि एक बार मामला अदालत में गया तो  वहां से निकालने में  दो साल लग गए अब फिर से प्राइवेट स्कूल रिविउ पेटीशन डाल रहे है अब वहां से निकालने पर ही कुछ हो 'पायेगा ।
    आज़ादी के  ६ दशकों के बाद ही सही २५% के लिए ही सही अब  अच्छी +महंगी [कथित] शिक्षा पर अधिकार होगा।
 प्राइवेट स्कूलों में २५% निर्धन छात्रों को मुफ्त शिक्षा दी जायेगी।अब फिर सवाल उठता है की अच्छी शिक्षा किसे कहा जाएगा रोजगार परक या फिर  केवल  संख्या बढाने को??
  क्योंकि आये दिन मीडिया में छपता रहता है की स्टार  शिक्षण संस्थानों में फेकल्टी का अभाव है+क्लास  में कोर्स  पूरी नहीं होती।
लॉन्ग लाइन फार एडमिशन 
+लेट अटेंडेंस+प्रेक्टिकल+ड्रेस कोड+बिल्डिंग+विकास+किताबें+उनिफ़ोर्म+साइकिल स्टैंड+कैंटीन ++++आदि के नाम पर भरसक वसूली होती है मगर ऐसे स्थानों में फेकल्टी का सर्वथा अभाव रहता है यहाँ तक की प्लेसमेंट के दिखाय गए सब्ज बाग़ भी अंत में उजड़े दिखाई देते हैं।
  बेशक आज कपिल सिबल ने प्राइवेट स्कूलों को चेतावनी देते हुए कहा है की किसी भी सूरत में  कथित एलीट क्लास के बच्चों पर अतिरिक्त फीस का बोझ नहीं डाला जाएगा लेकिन इसके साथ ही यह  कह कर छूट भी दे दी गई है की स्कूलों के पास अन्य अनेक   आमदनी के स्रोत हैं ।सिबल साहब आपके ये प्राइवेट स्कूल वाकई काबिल हैं और फीस बढाए बगैर ही आमदनी के स्रोत निकाल ही लेंगे
   

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