Monday, April 23, 2012

बी एड करके भी,बेचेंगे भिन्डी तोरी

बी टेक और  बी एड की परीक्षाओं में 
उमड़ी भीड़ को देख कर परिवार में बचे
 एक मात्र बुजुर्ग अनायास ही बोल उठे 
 एम् ऐ चलाये तांगा , बी ऐ ढोये बोरी 
वकील बनके हमभी, बेचेंगे भिन्डी तोरी ||
  उन्होंने आज़ादी से पहले १९४७ की याद 
करते हुए बताया की रावल पिंडी में गोल गप्पे के ठेले 
पर खड़े एम् ऐ ,बी ऐ और एक वकील ये बोल 
रहे थे और अपनी बेरोजगारी का रोना रो रहे थे     
ये हालत १९४७ में रावल पिंडी में थी 
अब २०१२ में रोजगार परक शिक्षा बी टेक
+बी एड आदि के लिए मच रही मारा मारी
और रोज़गार कार्यालयों में पड़े लिखे 
बेरोजगारों की लम्बी कतारें ६५ साल
पुरानी भयावह स्थिति की 
पुनरावर्ती की तरफ इशारा कर रही है \ 
अभी तक शिक्षा के अधिकार के क़ानून
का पालन नहीं हो रहा अर्थार्त पड़े लिखों
की संख्या बेपड़ों से ज्यादा नहीं  हैइसके
बावजूद भी १९४७ वाले हालात पैदा हो रहे हैं 
बेरोजगारी भत्ता देने का वायदा करके सत्ता में आये 
प्रदेश के सबसे युवा सी एम् अब ३५ से ऊपर के 
बेरोजगारों  को भत्ता देने की बात कहने लगे हैं 
सशक्त केंद्र के पास धन खर्च करने को अभी 
और अनेको मुद्दे है।ब्रिटेन ने वहां पढाई के लिए
 जाने वालों को पढाई के बाद दिए जाने वाले
 दो साल के  वर्किंग वीजा पर रोक लगानी 
शुरू कर दी है भारत सरकार  भी डाक्टरी 
की पढाई के लिए विदेश जाने वालो के लिए भारत 
लौटने को लाज़मी बना रही है\ आस्ट्रेलिया में
 पहले से ही नस्लवाद हावी  है 
  इसीलिए भत्ता 
जब मिलेगा तब मिलेगा मगर आज  हालात 
संव्तोश्जनक नहीं है एम् ऐ चलाये टेम्पो, बी ऐ ढोये डिग्री |
बी एड करके भी,बेचेंगे भिन्डी तोरी 

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