हमारे सोणे मन मोहने प्रधान मंत्री ने मालदीव में पाकिस्तानी पी.एम्.से हाथ मिला करअपने समकक्ष को शान्ति पुरुष क्या कह दिया देश में बवाल हो गया|मीडिया में सवाल हो गया| धोती तो फटी ही नहीं मगर रुमाल हो गया|
मालदीव में दक्षेश के शिखर सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान के प्रधान मंत्रिओं ने मुलाक़ात की हाथ मिलाये और शांति प्रक्रिया दुबारा शुरू की हमारे प्रधान मंत्री ने हमेशा की तरह दो कदम आगे बढ कर अपने समकक्ष को शांति दूत कह कर शांति जीवाणुओं को सामने वाले के भेजे में इंजेक्ट करने का प्रयास किया है |इस प्रयास की सामने वाले ने [बेशक बाद में ही सही] कद्र की है|
हम लोग हाथ जोड़ कर नमस्कार करके और पाकिस्तानी हाथ को माथे तक ले जा कर सलाम करके एक दूसरे का अभिवादन करते हैं|मगर ये दोनों अभिवादन के तौर तरीके एक दूसरे को पसंद नहीं थे सो दोनों ने तीसरे देश मालदीव में चौथे अमेरिका के तरीके से हाथ मिला कर एक दूसरे का अभिवादन किया |हमारे यहाँ कहावत है की तुम मुझे सूरदास कहो तो में तुम्हे कहूं कालीदास बस इसी कहावत की औपचारिकता वश मन मोहने ने जिलानी को शांति दूत कह दिया |अब इसमे बवाल की गुंजाईश कहाँ है|भाई हाथ मिलाने के बाद गले मिला जाता है इसके बाद दिल मिलाये जातें हैं ऐसा तो कुछ नहीं हुआ |बगलगीर होने पर पीठ पर छुरा घौपने और दिल मिलने पर दगा मिलने पर दिल के टूटने की संभावना रहती है मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ |फिर बवाल कयूं|??????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????
मालदीव में दक्षेश के शिखर सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान के प्रधान मंत्रिओं ने मुलाक़ात की हाथ मिलाये और शांति प्रक्रिया दुबारा शुरू की हमारे प्रधान मंत्री ने हमेशा की तरह दो कदम आगे बढ कर अपने समकक्ष को शांति दूत कह कर शांति जीवाणुओं को सामने वाले के भेजे में इंजेक्ट करने का प्रयास किया है |इस प्रयास की सामने वाले ने [बेशक बाद में ही सही] कद्र की है|
हम लोग हाथ जोड़ कर नमस्कार करके और पाकिस्तानी हाथ को माथे तक ले जा कर सलाम करके एक दूसरे का अभिवादन करते हैं|मगर ये दोनों अभिवादन के तौर तरीके एक दूसरे को पसंद नहीं थे सो दोनों ने तीसरे देश मालदीव में चौथे अमेरिका के तरीके से हाथ मिला कर एक दूसरे का अभिवादन किया |हमारे यहाँ कहावत है की तुम मुझे सूरदास कहो तो में तुम्हे कहूं कालीदास बस इसी कहावत की औपचारिकता वश मन मोहने ने जिलानी को शांति दूत कह दिया |अब इसमे बवाल की गुंजाईश कहाँ है|भाई हाथ मिलाने के बाद गले मिला जाता है इसके बाद दिल मिलाये जातें हैं ऐसा तो कुछ नहीं हुआ |बगलगीर होने पर पीठ पर छुरा घौपने और दिल मिलने पर दगा मिलने पर दिल के टूटने की संभावना रहती है मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ |फिर बवाल कयूं|??????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????
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