सरकारी हिन्दी दिवस की सभी को शुभकामनाएं |आम देशवासी तो पूरे वर्ष हिन्दी को गले लगा कर रखता है मगर सरकारी संस्थानों+सरकारों \[केन्द्रीय]में पूरे वर्ष हिंदी का मुखौटा अलमारी में बंद रहता है और सितम्बर महीने में इसे झाड पौंच कर चेहरे पर लगा लिया जाता है और शुरू हो जाते है हिंदी दिवस+हिंदी सप्ताह+हिंदी पखवाड़ा+हिंदी माह समारोह|
चूँकि हिंदी हमारी राजभाषा है इसीलिए अब सरकारी समारोहों में विज्ञापन+उपहार दावतें ना हों तो समारोह फीका फीका ही कहा जाता है |सो इस तोहमत से बचने के लिए करोड़ों रुपयों के विज्ञापन +उपहार दावतों का का दायित्व निभाने को विभिन्न प्रतियोगिताएं [हमेशा की तरह]आयोजित की जा रही हैं |माफी माँगने के बाद यह भी कहना जरूरी है की यह दुधारू राज भाषा कहीं रास्त्र भाषा ना बन जाए और हाथ से निकल ना जाए इसके भी प्रयास साथ साथ चलते रहते हैं|
विश्व में तीसरे स्थान पर आबादी +भाषा होने पर भी हिंद शाषक वर्ग अंग्रेज़ी का दंभ भरके उसे सर्व्स्रेस्थ साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते|इसके कुछ उदहारण भी हैं
[१] केन्द्रीय मंत्री मणि शंकर अय्यर ने अपने कलीग अजय माकन के अंग्रेज़ी[अल्प] ज्ञान पर सार्वजनिक टिप्पणी करके हिंदी और अंग्रेज़ी कालेजों की हौड़ को आगे बढाया
[२]आई आई टी में शौध के लिए हिंदी को अभी भी मान्यता नहीं दी जा सकी है
[३]केंद्र सरकार के एक विभाग में हिंदी की टिप्पणी पर[हिंदी पखवाड़े में] हिंदी भाषी [आई डी ऐ एस ]अधिकारी अंग्रेज़ी में आदेश देने में अपनी शान समझते हैं
इस अवसर पर मुझे गुलज़ार साहब की एक पिक्चर आंधी का एक डायलाग सम सामायिक लग रहा है इसमें नायिका रास्ट्रीय नेत्री हैं और हिंदी के बढ़ावे के लिए अंग्रेज़ी में आदेश देती हैं
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