Sunday, June 27, 2010

तेलों के साथ घरेलू गैस के दाम [टालते टालते] बढ़ा ही दिए गए

तेलों के साथ  घरेलू गैस के दाम [टालते टालते] बढ़ा ही दिए गए साधारण उपभोक्ता चुप है गैस में झुलस रहा है तेल में फिसल रहा है फिर भी आम आदमी खामोश है नेता जन उदासीन हैं मुद्दों को एनकैश करने और अपनी जान बचाने में व्यस्त हैं मंत्रीगण सत्तामद में डूबे हैं गैस से रोशन हैं और तेल में तैर[स्विम ] रहे हैं आम जनता के दिमाग में  गैस और तेल से बचने को लगातार उपदेश ठूस रहे है सरकारी + फालतू खर्च में कटौती की कोई स्कीम दिखाई नहीं देती इस दिशा में कोई  कोई इच्छा  शक्ति नज़र नहीं आती |ऐसे में महंगाई की लो लगातार ऊंची उठ रही है मात्र प्याजकी कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर सरकार बदलने वाले आज कहीं परदे पर नहीं हैं अर्थार्त भीलन [सरकार]लूटीं [ पुनः ] गोपिआँ[\कीमतें] वोही अर्जुन[विपक्ष] वोही बाण|
            इस चुप्पी+उदासीनता++सत्तामद के फलस्वरूप ही आज केवल तीन सालों में ही पेट्रोल के दाम २०%बड़ गए हैं |आम खाने पीने की चीजें १५०%तक बड़ गयी हैं |बीते दिन भाजपा और वाम दलों ने महंगाई के प्रति विरोध दर्ज  करवाया जिला मुख्यालयों पर भाजपाइयों ने जोर ख़म दिखलाए मगर अधिकाँश में प्रदर्शनकारियों से ज्यादा पोलिस कर्मी दिखलाई दिए|जाहिर है इनके लिए अभी दिल्ली दूर ही नज़र आ रहे है|वाम दलों ने अपने प्रभाव राज्य में अच्छा प्रदर्शन किया वहां ममता बेनर्जी के बढ़ाते प्रभाव के लिए यह जरूरी भी था |

3 comments:

राज भाटिय़ा said...

जब दुसरी बार चुनी है यह मन्मोहनी सरकार तो जनता अब इसे भुगते भी

sm said...

We do not have option.
we have to choose between gunda parties of India.

jamos jhalla said...

भाटिया जी एस.एम् जी गल तो आप १६ आने correct कहते हो