किसी समय भारतीय बैंकर्स ने भारत में ए.टी.एम्.मशीनों को लागू करने पर मज़ाक उड़ाया था अब इन मशीनों के अन्दर और बाहर की भीड़ इनका मज़ाक उड़ा रही हैं इस चित्र में जितने बाहर हैं उतने ही अन्दर भी घुसे हुए हैं महीने के पहले सप्ताह यहाँ अपनी सेलेरी और अकाउंट स्लिप निकालने वालों की लाइने लग जाती हैं इस बूथ में दो मशीनें हैं एक अक्सर खराब या स्लो ही रहती है जाहिर ऐसे में भीड़ लगना स्वाभाविक ही है
2 comments:
यह फ़ोज क्या इस भीड को काबु करने के लिये आई है जी
भाटिया जी ये फौज भी अब भीड़ का हिस्सा ही बनती जा रही है
Post a Comment