रक्षा मंत्रालय में विगत ७ सालों से लंबित इस प्रोजेक्ट को फिर से खोले जाने को जोड़तोड़ शुरू हो गई है
बेशक यह राजस्व में वृधि करेगा यह अतिक्रमण और कैंटबोर्ड की नज़र में गैर कानूनी भी नहीं है मगर झाल्लेविचारानुसार इस बहुमंजिली व्यवसाइकभवन से पर्यावरण की ऐसी की तैसी तो होगे ही साथ ही छेत्रवासिओं के स्वास्थ्य पर भी असर पडेगा|
यह छोटा सा आबुलेन बेगम पुल को सदर घंटाघर से जोड़ता है इस छोटे से आबुलेन पर पहले से ही एक सिनेमा घर है |तीन होटल+कई रेस्टोरेंट+बैंक+एल.आई.सी.+ एम्.ई.एस.+पशुपालन विभाग हैं + अनगिनत शो रूम हैं+ प्लाज़ा है+साइकल मार्केट है|रिहाइशी कालोनीस हैं जिनके मद्देनज़र यहाँ से एल.आई.सी.+बैंक+एम्.ई.एस.+पशुपालन विभाग तथा सिनेमा घर आदि को यहाँ से ट्रांसफर किया जाना चाहिए जबकि इसके ठीक उलट यहाँ एक और मल्टीप्लेक्स बनाया जाना है बेशक यह राजस्व में वृधि करेगा यह अतिक्रमण और कैंटबोर्ड की नज़र में गैर कानूनी भी नहीं है मगर पर्यावरण की नज़र से इसे कया उचित कहा जा सकता है?
4 comments:
चिंता का विषय!
bhaisahab shastrinagar me aa jaiye.yahan pe abhi kuch had tak shanti hai.
शांति[वर्तमान में] केवल त्यागिओं के ही नसीब है आपके शास्त्री नगर में और दूसरी कई अशान्तियाँ हैं कभी त्यागी बने बगैर देखिएगा
Hello mate, nice blog
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