इससे पुरे विश्व का ध्यान भारत की समस्या की और हो गया
यह एतिहासिक घटना ८० वर्ष पूर्व बीते शतक में आज ही के दिन यानी आठ अप्रैल को घटी
सेन्ट्रल इम्पीरियल अस्सेम्बली में ट्रेड डिस्पुटबिल और पब्लिक सेफ्टी बिल पर गरमा गरम बहस चल रही थी
ट्रेड यूनियनों के माध्यम से मेरठ कांस्पीरेसी केस के अंतर्गत पकडे गए यूनियनों के नेताओं पर शिकंजा कसने की तैयारी थी इसके साथ साथ पब्लिक सेफ्टी के नाम पर विदेशिओं को भारत की जंगे आज़ादी से दूर रखने के मंसूबे थे
ट्रेड यूनियनों के मसले पर यह कहा गया कीजब केस मेरठ की अदालत में चल रहा है तब उस पर यहाँ बहस करना और उस पर बिल लाना बेमानी हे
मगर तत्कालीन ब्रिटिश सरकार दोनों बिल लाने की ठान चुकी थी इसी पर बहस के दौरान वोटिंग कराया गया तब ट्रेसरीऔर विपक्ष बेंचों के बराबर बराबर वोट पड़े इस पर स्पीकर विट्ठल भाई ने वोट से विपक्ष का पलड़ा भारी कर दिया इस बहस में देश के जाने माने वकील भी शामिल थे|मगर इस सबको दरकिनार करते हुए फायनेंस सेक्रेटरी शूश्टर ने बिल को जरूरी बताते हुए इसे पास किये जाने की बात कही इस पर शहीद भगत सिंह ने हाल में बम फैंक कर बाहरी सरकार के कान खोल कर भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में नै जान फूंक दी|
2 comments:
aapne bahut acchi prastuti ki hai.
हिन्दीकुंज
....prabhaavashaali abhivyakti !!!
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