Monday, December 8, 2008

२६/११२००८के बाद तो ईद की सच्ची मुबारकबाद दो

२६ नवम्बर २००८



को मुम्बई मैं हुए पाकिस्तान ट्रेंड आतंकवादियों के हमले से त्रस्त अमेरिका के दबाव के कारण पाकिस्तान ने अपनी आस्तीन मे पल रहे इन जहरीले आतंकवादी रूपी नागों को समाप्त करने का एलान कर दिया है



ऊपरी तौर पर यह बरबोला परन्तु प्रसंशनीय कदम है आतंकवादी ठिकानो पर हमला और आतंकवादी जैश के सरगना को नज़र बंद करने का एलान अति प्रशंसनीय है ५९ घंटों तक चले अभियान मे आतंकवादियों को देश के वीर जवानो ने मुम्बई मे ही मार गिराया यह उत्साह जनक उपलब्धि है धरम ,छेत्र ,भाषा के नाम पर देशतोरु कथित रास्ट्रीय नेताओं के मुख पर लगाम स्वतः लग गई यह संतोषजनक रहा ये लोग अभी तक अपने बिलों मे घुसे हुए हैं यह अति संतोष जनक है २६ नवम्बर की काली घटना /दुर्घटना के बाद ५ राज्यों में चुनाव हुए दो राज्यों में भाजपा और तीन में कांग्रेस का परचम लहराया इस नाज़ुक मौके पर जनता ने जनार्दन बन कर छोटे मोटे बरबोलों को दरकिनार करके विकास के लिए और आतंकवाद के विरुद्ध समर्पित बरे दलों को समर्थन दिया यह सुधारात्मक कदम रहा



अब आतंवाद के विरुद्ध ठोस कार्यवाही की उम्मीद की जा रही है यह विचारणीय प्रशन वाचक ?है एक्सपर्ट्स के अनुसार नागों के जहर मे एक अजीब नशा होता है



पाकिस्तान क्यूंकि जहरीले आतंकवादी रूपी नागों को अपनी आस्तीनों में पालने का आदी {द्रुग्स एडिक्ट }हो चुका है इसी लिए नागों मुक्ति पाना अब उसके लिए आसान नहीं हैयह चिंता का विषय है jhallevicharaanusaar नाग पालने वाले आस्तीनों की कुर्बानी दे कर एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी जा सकती है

2 comments:

कडुवासच said...

पाकिस्तान क्यूंकि जहरीले आतंकवादी रूपी नागों को अपनी आस्तीनों में पालने का आदी {द्रुग्स एडिक्ट }हो चुका है इसी लिए नागों मुक्ति पाना अब उसके लिए आसान नहीं हैयह चिंता का विषय है jhallevicharaanusaar नाग पालने वाले आस्तीनों की कुर्बानी दे कर एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी जा सकती है

... प्रसंशनीय व रोचक लेख है ।

Amit K Sagar said...

सचमुच सटीक कहा है आपने. जारी रहें. wadhaai.