Thursday, June 28, 2012

सर्वोच्च पद के चुनाव के लिए आचार संहिता क्या है

राष्ट्र के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति के लिए चुनावों की घोषणा हो गई है अब तक 40 नामांकन भरे जा चुके हैं आज भी यूपी ऐ के प्रणव मुखर्जी और एन  डी  ऐ+के पी ऐ संगमा ने भी राज्य सभा के महा सचिव एवं निर्वाचन अधिकारी अग्निहोत्री के समक्ष  चार चार पर्चे भरे ।बेशक ये सारी औप्चारिकता  बेहद शान्ति से पूर्ण हुई मगर  इस सबसे बड़े चुनाव के लिए आचार संहिता कहीं दिखाई नहीं दी सबने अपने अपने तरीके से नामांकन भरा\
    यह पद समूचे राष्ट्र  के लिए है मगर केवल  इस गौरव को अपने अपने प्रदेश तक ही सीमित रखा गया जहां एक तरफ  बंगाल के गौरव के नाम पर टी एम् सी  पर दबाब बनाया जा रहा है तो दूसरी तरफ  आदि वासी  नेताओ को एक जुट करने का भागीरथी प्रयास जारी है । अब प्रचार भी अपने ही तरीके से किया जाएगा।निर्वाचन अधिकारी के कक्ष में बेहिसाब समर्थकों का प्रवेश रिटर्निंग अधिकारी द्वारा अपना पेन दिया जाना और इसका लाइव टेलेकास्ट व्यवस्था पर प्रशन चिन्ह तो लगाता ही है।
 [अ] [1] आज सुबह जब प्रणव मुखर्जी पर्चा दाखिल करने पहुंचे तो उनके साथ लगभग दो दर्ज़न समर्थक  भी थे  रिटर्निंग आफिसर के समक्ष बेशक  चार मुख्य नेता   प्रधान मंत्री+यूपीए चेयर पर्सन+ प्रत्याशीऔर राहुल गांधी   ही  बैठे मगर उनके पीछे और दायें बाएं यूं पी ऐ के  मंत्री +घटक दल   के नेता भी बैठे ।कमांड केवल यूं पी ऐ की चेयर  परसन के हाथ में थी 
[2]प्रधान मंत्री के बैठने में एक सरकारी सहायक ने  मदद की ।
[3]सोनिया गाँधी ने स्वयम पर्चा दाखिल करते समय सभी मुख्य नेताओं से  पर्चे पर हाथ  लगवाया 
[आ]     इसके पश्चात 2.31 पी एम् पर संगमा ने पर्चा भरा। इनके साथ  भी लगभग दो दर्ज़न समर्थक थे और अग्रिम पांति में यूं  पे ऐ से दो  गुने  समर्थक थे  यहाँ सभी वरिष्ठ  नेता दिखाई दिए  शायद इसीलिए संगमा को समय समय पर दिशा निर्देश दिए जाते रहे । अंतिम पर्चा देते समय  सुषमा स्वराज ने  ही सबसे हाथ लगवाकर  सबके  समर्थन का प्रदर्शन किया इसके बाद तुरंत सबसे पर्चे की  प्राप्ति की  रसीद[सुरक्षा कारणों से] ले ली।यहाँ  वरिष्ठ नेता लाल कृषण  आडवानी की कुर्सी ठीक करने को कोई कर्मी या सुरक्षा कर्मी नहीं था ।
     छोटे  से छोटे  चुनावों के लिए भी चुनावी आचार संहिता लागू होती है मगर राष्ट्र के सबसे बड़े चुनाव के लिए  मुख्य चुनाव आयोग  की तरफ से कोई आचार संहिता लागू नहीं है तभी तो
[1]रिटर्निंग आफिसर के कमरे में दोनों प्र्त्याशिओ के  दो दो  दर्ज़न समर्थक उपस्थित रहे
[2] बड़ी संख्या में  एन डी  ऐ और यूं पी ऐ के मंत्री  और संतरी उपस्थित रहे जाहिर है की सरकारी वाहनों अवम सुविधा का उपयोग किया गया था।
[3]बेशक  लगभग 1100000  मतों के  लिए  केवल लगभग  5000  सांसद और विधायकों  द्वारा ही मतदान किया जाना है मगर  दोनों प्र्त्याशिओ ने 1/7/2012 से देश में चुनावी प्रचार शुरू करने की घोषणा कर दी है।दोनों पक्षों की  केंद्र और राज्यों में  सरकारे हैं दोनों तरफ से ही पक्ष विरोध हो रहा है ऐसे में लाभ लेने और देने से इनकार नहीं किया जा सकता
     अब चुनावी खर्चे +सरकारी अमले के प्रयोग+वोटरों को लुभाने को दिए जाने वाले किसी लाभ आदि की सीमा तय नहीं है ।क्योंकि चुनावों में बड़ी संख्या में घटकों में टूट या  बिखराव  दिख रहा है इसके लिए बाद में अगर कोई लाभ दिया जाता है तो उसकी जांच की कोई प्रक्रिया नहीं है
   हाँ कहने को प्रत्याशी[1] 35 वर्ष का वोटर होना चाहिए [2] 15000/= का ड्राफ्ट लगाना चाहिए[3]50 प्रोपोसर  और इतने ही  सेकेंदर्स  के हस्ताक्षर  होने चाहिए  सर्वोच्च  पद के चुनाव के लिए आचार संहिता क्या है 

No comments: