Friday, June 15, 2012

अपराधिक गतिविधिओं में फंसीहवाई पट्टी को देश भर के हवाई नेटवर्क से जोड़ा जाएगा

  आये दिन अखबारों में मेरठ के प्रति नकारात्मक+हताशाभरी+अपराधिक+ सौतेलापन+बिजली+पानी+सफाई+बेरोजगारी+अतिक्रमण+जैसी खबरें पड़ते पड़ते आज एक सकारात्मक खबर पड़ने को मिली की अब मेरठ की उपेक्षित पड़ी और अपराधिक  गतिविधिओं में फंसीहवाई पट्टी को देश भर के हवाई नेटवर्क से जोड़ कर इसे भी  मुख्य  धारा में लाया  जाएगा|  इसे  साझा किया जा ही  जाना चाहिए|
       बेशक आजकल हवाई उड़ानों  पर पायलेट्स की हड़ताल का असर पड़ रहा हैमंत्री अजित सिंह और उनकी केबिनेट अपनी सरकार बचाने को रायसीना हिल्स की लड़ाई में व्यस्त हों मगर मेरठ के लिए यह प्रयोग वाकई एक दूरगामी लाभकारी होगा|एअरपोर्ट अथोरिटी आफ इंडिया ने परतापुर स्थित डाक्टर भीमराव आंबेडकर हवाई पट्टी को देश भर के वायु मार्गों से जोड़े जाने के प्रयोग को हरी झंडी दे दी है|इसके अलावा यहाँ छोटी वर्कशाप और पुर्जे बनाने का कारखाना भी  स्थापित किया जाना है|
        बीते दिनों यह पट्टी कई प्रकार के नकारात्मक गतिविधिओं के कारण  खबरों  में भरी रही अब आश्चर्यजनक रूप से अथोरिटी के सर्वे में सकारात्मक  रिपोर्टें  आई है| पट्टी के विस्तारीकरण का खाका  भी  तैयार हो गया है |
लेकिन   लोकल  उड़ानों के लिए अभी भी  अथोरिटी को ४३३ एकड़ भूमि चाहिए और और क़र्ज़ में डूबी मिनिस्ट्री को  यह भूमि निशुल्क चाहिए|यानि बाल फिर गई  जिला प्रशासन  की कोर्ट में |बेशक पिछले दिनों चौधरी अजित सिंह ने लखनऊ  में  इस प्रकार की हवाई पट्टिओं के विस्तारीकरण का  और  युवा मुख्यमंत्री  अखिलेश  यादव ने    आवश्यक  जमीन  देने का भरोसा  दिलाया था  मगर  मुख्यमंत्री ने बातों बातों में ही निशुल्क भूमि  के बदले आर्थिक पैकेज  की उम्मीद भी जताई थी |
    केन्द्रीय मंत्रालय ने अपना काम शुरू कर दिया है अब देखना है की   जिला  प्रशासन  ज़मीन  देने कितना समय लेता है  आर्थिक कर्जे  के  बोझ से  बेहाल मंत्रालय  आर्थिक पैकेज की  इस मांग को किस हद तक स्वीकार कर पायेगा यह तो वक्त ही बताएगा|
      उधर मंत्रालय के सामने  ४०० पायलेट्स की  ७-०५-२०१२ हड़ताल मुह बाए खड़ी है | बेशक  सिविल एविअशन  मंत्री ने  हड़ताल से अपना पल्ला  झाड  लिया है और हड़ताल को खत्म मान  लिया है मगर जो पायलेट्स ३८ उड़ानों पर  काम कर रहे हैं वोह भी अब  थकावट मान रहे हैं|यानि  मुसीबत  अभी टली नहीं  है|इन सभी विसंगतियो के चलते मेरठ के विस्तार की यौजना पर काम अपने आप में  प्रशंशनीय  कार्य ही है|[जमोस सबलोक]

2 comments:

sm said...

good solution is to sell the airline

jamos jhalla said...

Yes But How Our Privileged class Would React To It