Wednesday, February 8, 2012

भारतीय रक्षा लेखा सेवा अधिकारिओं को भी पीठासीन अधिकारी हद ही हो गई या हद तो वधहो गई

विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के चुनावी पर्व को प्रदेश के मेरठ जिले में भी सुख शांति से मनाने को औरों की तरह जिला चुनाव कार्यालय भी दिन रात एक कर रहा है।बूथ +सभास्थल+प्रशिक्षण स्थल =गड़ना[गिनती]स्थल आदि सुचारू रूप से बनाये जा रहे है।चुनावों को निर्विघ्न कराने को  पोलिस के साथ साथ राज्य तथा केंद्र सरकार के अधिकारिओं+कर्मचारिओं की फौज भी खडी की जा रही है क्योंकि वेटिंग में कर्मिओं को रखने की प्रथा है सो कर्मचारिओं और अधिकारिओं की कुछ ज्यादा ही जरूरत होती है ऐसे में गलतियां होना स्वभाविक ही है\
        यों तो ऐसी गलतियाँ हमेशा होती हैंमगर अबकी बार कुछ ज्यादा ही हो रहा है इसीलिए आँखों में खटक भी रहा है।वैसे तो चुनाव कराना राज्य सरकार का ही  दाइत्व है इसीलिए अधिकाँश महत्वपूर्ण पद जैसे मजिस्ट्रेट+पर्यवेक्षक+आदि पदों के लिए राज्य सरकार को ही महत्त्व दिया जाता रहा है।शायद यही कारण है की केंद्र सरकार में एम्.टी.एस.[पूर्व चतुर्थ श्रेणी ]के सामान राज्य कर्मियों को मजिस्ट्रेट  बनाया गया है और प्रथम श्रेणी के आई डी ए एस [भारतीय रक्षा लेखा सेवा]के अधिकारिओं को भी  पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है।  इस जले पर नमक छिड़कते हुए इन्ही के  अधिनस्तों को मायक्रो ओबसर्वर के  पद से नवाज़ा गया है संभवत ये अधिनस्त मलाई दार सीटों पर हैं इसीलिए इन पर विशेष कर्म किया गया है।आयुध पथ पर स्थित बेल्वेदियर काम्प्लेक्स है यह जिला निर्वाचन कार्यालय से कुछ ही दूरी पर है।यहाँ के एम् टी  एस  स्तर के कर्मियों को पीठासीन अधिकारी बनाया गया है। मलाई दार सीटों पर काबिज़ वरिस्थ लेखाधिकारिओं  को मायक्रो ओबसर्वर के पद से सुशोभित  किया गया मगर आश्चर्यजनक रूप से इन सबके वरिस्थ भारतीय रक्षा लेखा अधिकारिओं पर गाज गिराते हुए उन्हें अपमानित करते हुए पीठासीन अधिकारी बना दिया गया है। यह तो हद ही हो गई या हद तो वधहो गई 
    
     

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