Wednesday, August 10, 2011

अविभावक +टीचर मीटिंग की उपयोगिता को बढाया जाए |

 दीवान पब्लिक स्कूल में कथित आविभावक संघ +नेताओं की तोड़ फोड़ के विरोध में मेरठ के  CBSE +ICSE द्वारा आज  एक दिन के  लिए स्कूल बंद कर दिए गए हैं |बेशक कुछ अविभावकों+स्वयंभू नेताओं के अप्रिय आचरण  को जायज नहीं ठराया जा सकता मगर  उनकी इस क्रिया की यह प्रतिक्रया भी स्वीकार नहीं की जा सकती |
अब समय आ गया जब इन कालेजों में व्यवसायिक नज़रिया अपनाना  होगा |कालेज प्रशासनों सेयह आशा की जाती है की अविभावक +टीचर  मीटिंग की उपयोगिता को बढाया जाए  |भरोसा कायम करने या बनाए रखने के लिए नियमित रूप से  कैंटीन +सायकिल स्टेंड+ड्रिंकिंग वाटर +एम् आई रूम+++=के अलावा फेकल्टी की भी जानकारी दी जानी चाहिए |इसके साथ  ही  अविभावक को अपने बच्चे को  स्कूल भेज कर भूले नहीं वरन उसे  समय भी देना जरुरी है
हम लोग १० रुपये का सामान खरीदते समय सामान को खूब थोक बजा कर देखते हैं मगर लाखों रुपयों की शिक्षा खरीदते समय[आज कल शिक्षादान में नहीं मिलती]कालेज में फेकल्टी+कैंटीन+सायकिल स्टेंड+एम् आई रूम+ट्रांसपोर्ट++=की मानिटरिंग तक करना जरुरी नहीं समझते |
 मेरठ मेंजाने माने व्यवसायिक परिवारों में शामिल दीवान [वी.एस] ग्रुप के एक संस्थान वी एस ग्रुप आफ इंस्टीतुषंस  द्वारा परतापुर में अपनी स्थापना दिवस को  बीते दिनों समारोह पूर्वक मनाया गया इस अवसर पर पूरे परिवार को बधाई लेकिन इस ख़ुशी के अवसर पर सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वाह करने को आगे आने की आशा भी की जा रही है|इस समयवेस्ट एंड रोड पर उनके परिवार द्वारा संचालित किये  जारहे दीवान पब्लिक स्कूलकी बात सम सामायिक होगी |
            मेरठ के वेस्ट एंड रोड पर चलाये जा रहे दीवान पब्लिक स्कूल के एक होनहार छात्र संचित बस्सी कीस्कूलमें ही तबियत खराब हुई और थोड़ी देर  में  हॉस्पिटल में मौत भी हो गई|क्यूंकि शव का पोस्ट मार्टम नहीं हुआ सो मौतके कारणों पर अब तरह तरह की अटकलें लगाईं जा रही हैं परिवार पर बच्चे की बीमारी को छुपाने और स्कूल प्रबंधन परबीमार बच्चे की उपेक्षा कर उसे मौत के मुह में धकेलने के आरोप लग रहे हैंअब असलियत जानने के स्थानीय प्रशासन ने आदतन  मजिस्ट्रियल जांच बैठा दी है |
          हमारे शहर के कथित राजनितिक और बुधिजीविओं को हमेशा की तरह इंतज़ार  नहीं करने + क़ानून  को अपने हाथों में लेने की पुराणी आदत है शासन+प्रशासन के  ढुल मूल  रवय्ये से यह  अब लाइलाज बीमारी है प्रशासन  में  भी हर मामले के भड़कने पर ही जांच बिठाने का चलन है रिवाज़ है समस्या को भुनाने और पीड़ित और दोषी के समर्थन में गुट बंदी का आम चलन है मगर इन सबसे ऊपर स्कूलों के प्रशासन में समस्या का  सामना  नहीं करने और मुह छुपाने की कमजोरी हैजिसके चलते आज आये दिन नारे बाज़ी +तोड़फोड़ +हंगामा माहौल बनाया जा रहा हैस्कूल आंतरिक परीक्षाएं चल रही हों और बाहर हंगामा हो और में गेट लाक कर दिया जाए तो बच्चों की मनोस्थिति को समझना मुश्किल नहीं होता | इसी कारण बच्चे जख्मी भी  हुए
   अंत में दीवान परिवार को एक [माफी के साथ]घटना की याद दिलाना चाहता हूँ=आपके परिवार  का एक होनहार बालक गोवा के समुद्र में डूब कर असमय ही काल का का ग्रास बन गया उस दुःख कीघड़ी में पूरा समाज +छेत्र आपके साथ खडा हो गया था आज वैसी ही भावना के प्रदर्शन की आपसे कामना है +आशा हैऔर बस्सी परिवार से भी अनुरोध हैकी न्याय के लिए जरूर लड़ें मगर किसी के हाथों में नहीं खेलें |

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