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बहु प्रतीक्षित पार्क के सामने एम् डी ए के हस्ताक्षर [४]Add caption |
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नई बनी सड़क पर जे एन एन यूं आर एम् के ऑटो ग्राफ[२] Add caption |
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[१]ग्लोबल सिटी के सामने जे एन एन यूं आर एम् के हस्ताक्षर से परेशान जनता Add caption |
बुजुर्ग अव्यवस्थाओं पर खीज उतारने के लिए अक्सर कहा करते थे की सोणे की बिल्ली ते बनाई मगर म्याऊं कौन करे\ इन फोटुओं को देख कर बुजुर्गों की यही कहावत याद आ रही है|मेरठ में यूं तो निर्माण गुणवत्ता उनके रख रखाव पर प्रश्न चिन्ह आए दिन लग ही रहे हैं| यहाँ की पोश कलोनिओं में शुमार गंगा नगर की सड़कें अभी से अधिकारिओं की अक्र्मन्यताओं को दर्शा रही हैं|गंगा नगर की २ किलो मीटर लम्बी दिवाइदर रोडको ४ लेन चौड़ा बनाने के लिए बरसों कॉ इंतज़ार अब खत्म हुआ है | दोनों साइडों में २-२ लेन की सड़क बन गई है अब उसके किनारों पर खडंजा डाला जा रहा है |मगर अब बनाई गई इस एक साइड मैं होल्स की भरमार है लग भग प्रत्येक ४०-४५ कदम पर एक मेन होल है अधिकाँश होल्स या तो रोड के लेवल से नीचे हैं या फिर ऊपर हैं |यहाँ प्राइवेट कलोनिस भी बनाई जा रही हैं वर्षों बाद भी अभी तक इनमे पूरी बसावट नहीं हो पाई हे कोलोनिस के अन्दर की सड़कें अपना तथाकथित स्वरुप खोने लग गई हैं|तब कहीं जा कर बाहर की सडकों के निर्माण की सुध ली गई है|बेशक सडकों का कुछ हिस्स्सा अभी से उधड़ने लग गया है मगर दूसरी संस्थाएं+विभाग भी सडकों पर अपने हस्ताक्षर करने लग गए हैं |ग्लोबल सिटी के सामने वर्षों से बन रही जे एन एन यूं आर एम् की टंकी के पानी की निकासी को [दायें]मेन होल से जोड़ने को सड़क का[दायें] अक्सर बुरा हाल कर दिया जाता है |दूसरी तरफ गंगा सागर के सामने सड़क के बनाते ही काट डाला गया और कालोनी के मेन होल को चौराहे पर बने मेन होल से[नीचे]जोड़ दिया गया |बेशक ये जरूरी है मगर सड़क बनाने से पहले इस कनेक्शन को अंडर ग्राउंड बनाया जा सकता था इसके अतिरिक्त १६-१२-२००६ में सपाई मुखिया द्वारा जनता को समर्पित[साड़े चार लाख में निर्मित] पार्कमें बसपाई प्रमुख द्वारा मूर्तियाँ लगवाने को लाखों खर्च किये जा रहे है बेशक यह मेरठ में अपने आप में एक नायाब पार्क होगा मगर इसके बाहर मेन होल सड़क से इतना ऊपर हे की वाहन ठुके ही ठुके
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गंगा सागर कालोनी निर्माता के ऑटो ग्राफ [३]Add caption |
5 comments:
भारत का तो ऊपर वाला ही मालिक हे जी, पता नही लोग केसे काम करते हे? कॊई मेन होल सडक से काफ़ी नीचे तो दुसरा काफ़ी ऊपर.... बाप रे..
भारत जैसे देश का परमात्मा ही रक्षक है ....बाकि सब भक्षक ......
... jantaa ko tanik paagalon jaisaa vyavahaar karnaa padegaa sab bhrashtaachaaree sudhar jaayenge ... nahee to yah dekhane-bhogane ke liye sabko taiyaar rahanaa chaahiye !!!
आपकी लेखनी और जज्बात को देख कर लगता है की जरुर कोई न कोई क्रांति तो ला कर ही रहेगी ! वेसे लिखने का फायदा तो तभी है जिससे परिवर्तन लाया जा सके !
शुभकामनाओ सहित बधाई दोस्त !
राज जी केवल जी मिनाक्षी जी उदय जी धन्यवाद परिवर्तन के लिए कृपया यथा संभव मुद्दे को आगे फैलाएं
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