मगर इस ताज महल की नीवं कितनी कमजोर है यह इस चित्र से ही उजागर होता है
मंत्रालय आये दिन नयी से नयी घोषणाएं कर रहें हैं
शिक्षा का सभी पर अधिकार बताया जा रहा है
विदेशों से शिक्षण संस्थान आयात किये जा रहे हैं
विश्व बैंक [भारत]शिक्षा को सुधारने को ४५ अरब रुपये [१.०५अरब डालर्स]देने की घोषणा कर रहा है
इस सब के बावजूद शिक्षा के छेत्र में ग्लास आधे से ज्यादा खाली है
अशिक्षितों का ग्राफ नीचे नहीं होरहा
बेरोजगारी की समस्या का जहर कम नहीं हो रहा
रोज़गार परक शिक्षा लोगों तक नहीं पहुँच रही
झाल्लेविचारानुसार इस छेत्र में क्रांतिकारी[रोजगारपरक] कदम उठाये जाने जरूरी हैं
झुग्गी झोपड़ों तक खाना और शिक्षा[रोजगारपरक]पहुचाना जरूरी है
2 comments:
मानव संसाधन विकास मंत्री काबिल सिब्बल को छोडो जी आप तो गर्मा गर्म चाय पियो ना, इन मत्रियो के बनाये कानून तोडता कोन है? यह खुद ही, पुकार किस की सुनी जाती है? किसी की भी नही... तो इन्हे बोलने दो....
भाटिया जी आप जी ने एक दम सच उवाचा है|
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