Monday, September 14, 2009

हिन्दी दिवस+सप्ताह+पखवारा

भारत में इस वर्ष भी एक सितम्बर से पन्द्रह सितम्बर तक हिन्दी दिवस+सप्ताह+पखवारा[दो सप्ताह]राजकीय शान से मनाया जा रहा हेबैनर्स टंग गए हैं
सेमिनार्स आयोजित किए जा रहे हैं हिन्दी कवि सम्मलेन जुड़ रहे हैंबीते पाँच सालों से जो लोग कविता गा रहे हैं ओर हिन्दी प्रतियोगिताएं जीत रहे हैं कमोबेश वोही चहेरे[फेस] अब भी नज़रों के सामने रहेलेकिन इस सबके बावजूद नतीजा वोही ढाक के तीन पात वाला रहामहात्मा गांधी ने १०० साल पहले हिन्दी को देश की भाषा बताया था आज उनके चित्र के समक्ष हिन्दी के आयोजन तो हो रहे हैं मगर उनकी आत्मा को शान्ति इस वर्ष भी नसीब होगी यह कहना सम्भव नहीं लगताआज़ादी के बाद हिन्दी को राज भाषा का दर्जा देकर जो खिलवाड़ किया गया था वोह आज भी बरकरार हैराज भाषा का प्रोमोशन राष्ट्र भाषा के पद पर नहीं हो सका है एच.आर.डी। कपिल सिबल ने हिन्दी को देश की संपर्क भाषा[ लिगुआ फ्रांका ]बनाने पर तो जोर दिया मगर इससे आगे बढने का साहस नहीं जुटा सके जिसके फलस्वरूप हिन्दी दिवस पर भी अंग्रेजी में काम करने की मानसिकता का नंगा प्रदर्शन होता रहा

6 comments:

हें प्रभु यह तेरापंथ said...

आपने हिन्दी भाषा की दर्द भरी स्थिति से अवगत कराया-आभार

मै मॉ से प्यार करता हू, मोसी लिपट जाती है
मै हिन्दी मे कहता हू उर्दू मुस्कुराती है।

आप को हिदी दिवस पर हार्दीक शुभकामनाऍ।

पहेली - 7 का हल, श्री रतन सिंहजी शेखावतजी का परिचय

हॉ मै हिदी हू भारत माता की बिन्दी हू

हिंदी दिवस है मै दकियानूसी वाली बात नहीं करुगा

संगीता पुरी said...

हिन्‍दी को मजबूत बनाने के लिए इसका महत्‍व समझना अधिक आवश्‍यक है .. हिन्‍दी दिवस मनाना तो सिर्फ इस ओर हमारा ध्‍यान दिलाना है .. ब्‍लाग जगत में कल से ही हिन्‍दी के प्रति सबो की जागरूकता को देखकर अच्‍छा लग रहा है .. हिन्‍दी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं !!

Udan Tashtari said...

हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.

कृप्या अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य का एक नया हिन्दी चिट्ठा शुरू करवा कर इस दिवस विशेष पर हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार का संकल्प लिजिये.

जय हिन्दी!

jamos jhalla said...

मुंशी प्रेम चंदके अनुसार बिना
राष्ट्र भाषा के कोई राष्ट्र नहीं
क्योंकि हिंदी सरल+ सशक्त लोकप्रिय
भाषा है अर्थार्थ आम जन की भाषा है
इसी लिए महात्मा गांधी ने १०० साल पहले हिंदी को भारत जोड़ने की भाषा बताया था

राज भाटिय़ा said...

हमारी पहचान हिन्दी है, ओर अग्रेजी हमारी गुलामी की पहचान है, अब हमे फ़ेंसला करना है कि कम गुलाम है या आजाद

Urmi said...

बढ़िया लिखा है आपने! हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है और हमें इस भाषा से बहुत लगाव और प्यार है! हिन्दी दिवस की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें!