Tuesday, May 5, 2009

नेपाली फौज में माओवादिओं को आरक्षण ,बिल्कुल नहीं

आरक्षण का घातक,घिनोना वायरस फैलाना चाहते हे भारत में भी धार्मिक आधार पर मर्दमशुमारी की वकालत की गयी थी इस वायरस को फौज में फैलने से पहले ही ख़तम कर दिया गयाधरम ,जाति के उन्माद में डूबी पड़ोसी पकिस्तान ,बँगला देश ,अफगानी सेना के कारण इन देशों की दयनीय हालत से सभी परेशान हैअगर आग पड़ोस में लगती हे तो आग की तपिश और धुआं अछोटे भाई नेपाल की फौज मैं २०००० माओवादिओं के लिए आरक्षण को सेना और प्रेसीडेंट ने नकार कर एशियामें एक सकारात्मक संदेश दिया हे इसके फलस्वरूप वहाँ के माओवादी प्रधान मंत्री प्रचंड को इस्तीफा तक देना पडा वोट बैंक की राजनीति करने वाले फौज में भी पने घर को भी प्रभावित करता हे इसीलिए यहाँ चिंता का जन्म लेना स्वाभाविक हैअभी तक हमने इन पड़ोसी मुल्कों के हालातमें दखल नहीं देने की नीति अपनाई हुई हे मगर अब नेपाल में प्रधान मंत्री प्रचंड ने इस्तीफा देते समय उनके पतन के लिए भारत को जिम्मे दार कह दिया हे इस उन्मादी आग का धुआं अब अपनी आंखों में भी लगने लगा हे इसी लिए झाल्लेविचारानुसार भारत को विकसित देशों के साथ लाम्बिंग करके इस उन्माद के खिलाफ व्यापक समर्थन रूपी एंटी वायरस को विकसित करना होगा

2 comments:

Harshvardhan said...

nepal pr sattek post likhi hai aapne .. shukria.......

Urmi said...

आपकी सुंदर टिपण्णी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद!
बिल्कुल सही लिखा है आपने नेपाल के बारे में ! बहुत अच्छी लगी!