ओये झ्ल्लेया ये कया हो रहा है?हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के कथित रहनुमाओं हठधर्मी ,वोट बैंक का लोभ,काले धन की आमदनी की चमक और बेकाबू, अपरिपक्व जुबान के चलते आज आतंकवादी {दोनों देशों मैं }निरंकुश हो गए हैं इसी के फल स्वरुप आज दोनों गवांधी{पढ़होसी } मुल्क एक दूसरे को नेस्तेनाबूत करने पर तुले हुए हैं
सीमा पर यदि किसी ने चिंगारी डाल दी तो समझो हो जायेगी ठा ठा ठा
झल्ला
ओ भोले बादशाहों हसाडे मुल्क की संसद में तो पूरे साल भर मैं केवल ५० दिन मैं ही बिना चर्चा के ही निर्णय लेने की क्षमता है लेकिन ग्वान्ढ मुल्क तो फौजी आदेश पर लेफ्ट राइट करता रहता है इस पर भी आतंकवाद खुल्ले मैं घूम रहा है एक के बाद दूसरे मुल्क को स्वादिस्ट चेरी समझ कर हलक के उतार रहा है झाल्लेविचारानुसार भस्मासुर का रूपधर चुके आतंकवाद को समाप्त करने के लिए यदि एक और ज़ंग लाजमी हो तो कदम बरहाना दानिशमंदी होगी
1 comment:
बॊत ही चंगी गल किती तुसंई जी, सच लिख संडेया. धनवाद तुहाडा
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