Saturday, July 13, 2013

भारत पर अपनी बहु राष्ट्रीय कम्पनियों के लिए अमेरिकी दबाब की राजनीती है?

www.jamosnews.comभारतीय वित्त  मंत्री पी चिन्द्रम[Tata]  और वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा आदि  ने आज कल अमेरिका में  डेरा डाला हुआ है।
इन्होने  बेहद आशावान होकर अपने काउंटर पार्ट्स से मांग की है कि  इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी और हाइली स्किल्ड प्रोफेशनल को  नई आव्रजन नीति से अलग रखा जाये वर्ना इससे भारतीय प्रतिभाओं को हानि  होगी ।
इसके ठीक विरुद्ध अमेरिका के प्रेजिडेंट बराक ओबामा ने आज फिर  कांग्रेस से आग्रह किया है कि उनकी   नई  महत्त्व कांक्षी आव्रजन नीति को तत्काल मंजूरी   दे दी जाये ताकि  इसे कानून की शक्ल दी जा सके ।
[१]अब पहला प्रश्न यह उठता है कि  अमेरिका में कार्यरत भारतीय कंपनियों और उनके प्रोफेशनल्स का क्या होगा ?
[२]क्या यह भारत पर  अपनी बहु राष्ट्रीय कम्पनियों के लिए  अमेरिकी दबाब की राजनीती है?
[३] वाल मार्ट जैसी अमेरिकन कंपनियों को भारत में व्यापार की इजाजत देने से क्या अमेरिका के रुख में कुछ सकारात्मक परिवर्तन हो पायेगा ?
 अपने मित्रों से अपने विचारों के साथ मेरे मार्ग दर्शन के लिए निवेदन हैwww.jamosnews.com  

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