Monday, July 2, 2012

किसी ऊच्ची जगह ते जान नू दिल करदा ठंडी थां नू दिल करदा

हाय ओये रब्बा ये की कहर  बरसाया बारिश नहीं बिजली नहीं गर्मी ने रोज रुलाया ।
नकली बारिश करके भी में नहाया मगर गल  सच्ची कहूं मज़ा बिलकुल नहीं आया \।
गर्मी के इस आलम में  अपने कपडे फाडन नू जी करदा पहाड़ा  ते जान नू दिल करदा
\हाय ओये रब्बा ये की कहर  बरसाया बारिश नहीं बिजली नहीं गर्मी ने रोज रुलाया 

पहाड़ों पर महंगाई की मार के चलते काश्मीर में कर्फ़ियू के अभिशाप के चलते
 पहाड़ों को  छोड़ छाड़  हुन  ऊचियाँ  पानी की  टंकियां ते  चडन नू दिल करदा \\
    बारिश नहीं बिजली नहीं गर्मी ने रोज रुलाया हुन  कपडे फाडन नू जी करदा
[1]टंकी पर ही शायद ठंडक मिल जाए 

[2]टंकी से उतारे कौन 

[3]नकली बारिश भी करके देख ली 

[4] नकली बारिश में मज़ा नहीं आया 
किसी ऊच्ची जगह ते जान नू दिल करदा ठंडी थां  नू दिल करदा 

1 comment:

sm said...

नकली बारिश में मज़ा नहीं आया
nice pics