Friday, December 2, 2011

वात्सल्य के वरदान पर सवार होकर मेरे घर पुत्रवधू परी का आगमन हुआ है|

 वात्सल्य के वरदान पर सवार होकर मेरे घर  पुत्रवधू परी का आगमन हुआ है|इसके लिए में स्वयम को भाग्य शाली अनुभव कर रहा हूँ|ज्येष्ठ पुत्र और यह वात्सल्यमई पुत्र वधु और उनका पूरा परिवार मेरा फेस बुक  मित्र है सो इस विवाह को  नेट पर डालना जरूरी हो जाता है|
   ईश्वर ने मुझे एक बेटी का पिता बनने का सौभाग्य नहीं दिया मगर फेस बुक मित्र राकेश खुराना ने अपनी कम्पिउतर ईन्जीनियर पुत्री   वत्सला खुराना को मेरे अमेरिका में  कार्यरत कम्पिउतर इंजीनीयर बेटे जतिन सबलोक के लायक समझा और कन्यादान  किया|जाहिर है  खुराना परिवार ने ईश्वर द्वारा भुलाए गए इस नाचीज  को ईश्वरीय वरदान देकर सम्मानित किया |इसके लिए पूरे परिवार का धन्यवाद|इस विवाह में अमेरिका +थाई लैंड +इंग्लैण्ड आदि देशों से भी मित्र गणआये उन सभी ने भारतीय सांस्कृतिक इन विरासतों  की सराहना की और इनमे बढ चढ़ कर  भाग भी लिया|मूवी+एम् एम् एस बना कर इन यादों को अपने साथ अपने अपने मुल्क में भी ले गए|इसी सांस्कृतिक मेग्नेट का कमाल था की उनके लिए बुक कराये गए होटल के कमरे  खाली रहे और ये सभी हमारे साथ हमारे बीच रहे और कार्यक्रमों का आनंद लिया|बेशक इनमे से अनेक हमारी भाषा से अनजान थे मगर उत्सवों के रंग में सभी रंगे थे |
   इस विवाह में कम्पिउतर एक्सपर्ट दोनों पक्षों ने अपनी  सांस्कृतिक  विरासत का  सराहनीय  पालन भी किया | पवित्र अग्नि हवन+चक्की चुंग+लेडीस संगीत[गौण]+सगाई+चुनी चडाई[रिंग सेरेमनी] +मेहंदी+ घुडचड़ी+बरात+ मिलनी+ अग्नि  के समक्ष फेरे+ और परिवार संचालन के लिए आवश्यक शर्तों का बंधन स्वीकार भी किया गया |डोली विदाई  के पश्चात वधु का सम्मान +बहू का गृह प्रवेश+ सांस को पानी पीने से छह बार बहु द्वारा रोका जाना+गाना की गांठें खोलना+दूध भरी परात में दुल्हा दुल्हन द्वारा अंगूठी निकालने की प्रतियोगिता+बड़े बूढों द्वारा वधु को सत्पुत्री होने का आशीष देने [कृपया फेमिली प्लानिंग वाले इसे ना पड़े]के साथ साथ मुह दिखाई और फिर किन्नरों का आशीर्वाद आदि अनेक रस्मों का  हर्षो उल्हास से पालन किया गया                जमोस सबलोक


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