आज कल रियल एस्टेट के सम्मोहन में आम आदमी के साथ साथ मीडिया भी सम्मोहित है मेरठ के पापुलर बड़े अखबार अमर उजाला+दैनिक जागरण+हिन्दुस्तान के बाद अब जनवाणी [इसके मालिक स्वयम कलोनाइज़र्स ] ने भी कई बड़े कालोनाइज़र्स को एक परिसर में इकट्ठा किया और वाह वाही लूटी
सरकार इस सम्मोहन को लगातार भुना रही है क्योंकि होम लोन का ब्याज लगातार बढाया जा रहा है जाहिर है आम आदमी ही इसका शिकार हो रहा है|मेरठ में बनी अधिकांश कालोनियां बरसों पहले कागजों पर बिक चुकी हैं बेशक रजिस्ट्री की प्रक्रिया लंबित है मगर मकान कई बार बिक चुके हैं ये और बात है की बरसों बाद भी कालोनियां आज तक पूरी तरह बसी नहीं हैं |अप्रोच रोड की अगर छोड़ भी दें तो भी कालोनी के अन्दर की सड़कें ग़ायब हो रही हैमकान के कई बार बिकने के बाद जेनुइन खरीददार तक पहुंचता है मगर तब तक उसे पता ही नहीं चलता की बिल्डर ने मकान में कया देने का वायदा किया है जो कुछ मिला उसी पर संतोष करलेने में ही उसे अपनी भलाई दिखती है |मकान के लिए बिल्डर खुद ही बैंकों से लोन की व्यवस्था करवाते हैं सो बिल्डर का एहसान भी होता है |मगर इस लोन के लिए तमाम आसान शर्ते और ब्याज दूर के ढोल तब सुहावने लगने लगते हैं जब सरकार आये दिन ब्याज की दर बड़ा देती है और मकान खरीददार बेचारा अपनी सर पीट कर ही रह जाता है
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