Saturday, November 13, 2010

इन्हें देखने से आत्म संतुष्टि मिलती है और अब गुस्सा भी नहीं आता

ये मेज़ पर कोई रंग बिरंगे पत्थरों की नुमाइश नहीं और नाही ये फॉर सेल ही हैं |इन साहब ने शौकिया अपने सामने अपने नज़दीक कुदरत के इस नायाब तोहफे को सजाया है
      आप योगेश मोहन हैं और मेरठ मेंसमाज सेवी हैं+ प्रोफेशनल एजुकेशन किंग माने जाते हैं इन्होने  देश विदेश सब  देखा है जब इनसे इन मार्बल्स+क्रिस्टल्स +पत्थरों के विषय में पूछा तो बड़ी सादगी से बोले ये मेरा शौक है अपने आस पास कुदरत को देखते रहना अच्छा लगता है |  फ़ायदा पूछने पर जवाब मिला की इन्हें देखने से आत्म संतुष्टि मिलती है और अब गुस्सा भी नहीं आता

2 comments:

sm said...

aur sab log bhi cold ho jate hai

jamos jhalla said...

haan SABLOK jAROOR COLD HO GAYAA