Sunday, October 17, 2010

काश्मीर के बाद अब मेरठ में भी युवाओं के हाथों में पत्थर आ गए हैं

काश्मीर के बाद अब मेरठ में भी युवाओं के हाथों में पत्थर आ गए हैं यहाँ ना तो पाकिस्तान समर्थक और ना ही कोई राजनितिक दल ही पत्थर सप्लाई कर रहे हैं वरन सीधे सीधे व्यवस्थापकों की अकर्मण्यता + शासकों की उदासीनता और अविभावकों की उपेक्षा ही मुख्य कारण है इसके फलस्वरूप मेरठ के छात्रों के हाथों से कलम+माउस छूटते जा रहे हैं इस छात्र असंतोष को यथा शीघ्र  शांत करने को सभी स्तरों पर कार्यवाही जरूरी है
      मेरठ में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी है यहाँ आए दिन किसी ना किसी विवाद को लेकर हंगामा होता रहता है कभी एडमिशन तो कभी एक्साम्स , कभी उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्याकन तो कभी फीस कभी हास्टल तो कभी अक्सिडेंट  जब ये कुछ नहीं तो टीचर्स के बिहेवियर को लेकर ही छात्र बिफरते रहते हैं| नक़ल माफिया संगठित है शशक्त है | कंडीशन कभी कभी विस्फोटक भी हो जाती है जिसके चलते कुलपति तक को अंगरक्षक की आवश्यकता पड़ जाती  इसके बावजूद अकसर   पोलिस को भी बुला लिया जाता है दो चार को पकड़ कर थाणे की सैर करा दी जाती है और अच्छे खासे होनहार छात्र[ जो राष्ट्र कॉ भविष्य कहा जाता है]के केरियार पर[ हर्दाल्स[ रुकावटें खड़ी कर सकता है 
    

5 comments:

राज भाटिय़ा said...

स्कुल कलेज मै आज कल प्त्थर मारना भी सिखाया जाता होगा, हमारे जमाने मै तो सिर्फ़ पढाई होती थी

sm said...

this is unrest and this is very dangerous for India.

Everymatter said...

it proves that their is no administration and management in college

students are the future of nation, they must be trained and groomed in a right environment and right way

narayan pargain said...

kabh mokka milay to hamara blog bhi nazar daliyagaa sadakchaap.blogspot hai janab

sm said...

Happy diwali