Friday, October 1, 2010

अयोध्या मांगती है साम्प्रदायिक सौहार्द


 अयोध्या मुकद्दमे का नतीजा आज ६० साल बाद बहुमत से सुना दिया गया है कहा गया है की साठा सो पाठा अर्थार्त सबको संतुष्ट करने का यह पर्यास सराहनीय है क्योंकि दो धर्मो के दो इष्ट एक जमीन पर साथ साथ शांति से रह सकेंगे गुरु नानक के अनुसार एक दूसरे की सुन सकेंगे और अपनी कह भी सकेंगे |बेशक  १५ वी शताबदी से यह कड़ी[डिश]नफ़रत +हिंसा की आग पर थी मगर फिर भी इसे तत्काल खाने वालों की कमी नहीं है |आलाहबाद हाई कोर्ट के निर्णायक दिन के पूर्व से ही बाजारों में असुरक्षा+अनजाने भय की गर्मी महसूस की जाने लगी थी |शासन+प्रशासन+जनता के सहयोग से समझबूझ से कोई अनहोनी नहीं हुई कोर्ट का फैसला शांति+सौहार्द से स्वीकार किया गया|मुकद्दमे के पक्ष और विपक्ष ने  न्यायालय के निर्णय  के प्रति  पारम्परिक भारतीय [ टोलेरेंस]  भावना का प्रदर्शन किया| लोक कथाओं में  कहा  गया  है की गर्मी पाकर मामूली कांच तो गर्म होजाता है मगर असली मूल्यवान हीरा शीतल ही रहता है  कुछ ऐसा हीगुण  भारतीय जनता ने दिखाया |१५ वी शताब्दी में बाबर की तलवार और १९ वी शताब्दी में बाबर की मस्जिद के ढाए जाने से उपजे  नफ़रत +हिंसा के शोले लपटें नहीं उठा पाए|अर्थार्त भारतीय नागरिक अब मामूली कांच नहीं वरन मूल्यवान हीरा[डायमंड]बन चुके हैं|सडकों पर हिंसक प्रदर्शन करने के बजाय अब न्यायालिक प्रणाली पर भरोसा ज्यादा करने लगे हैं|यही लोकतंत्र की मर्यादा भी है|

         भारतीयों   के इस बदले[सकारात्मक] व्यवहार से हमारे राज नेताओं को अपना वोट बैंक खिसकने का अंदेशा होने लगा है तभी कई नेताओं ने अपने  सुर+लय+ताल बदल ली है|शुश्री मायावती[सी.एम्.यूं.पी] + ठाकुर राजनाथ सिंह [बी.जे.पी] ने केंद्र सरकार+पी चिदम्बरम [केन्द्रीय गृह मंत्री] ने भाजपा पर निशाना लगाना शुरू कर दिया है|मुलायम सिंह यादव+रामविलास पासवान सरीखे नेता इस ऐतिहासिक फैसले  की आलोचना करके एक सम्प्रदाय की सहानुभूति हासिल करने का पर्यास कर रहें हैं| [अयोध्या मुकद्दमे का हाई  कोर्ट   का  फैसला  एक नई सुबह की शुरुआत है ]

          गौरतलब   हे की मुकदमे के पैरोकार सभी पक्ष कहीं ना कहीं फैसले से थोड़े बहुत असंतुष्ट  हैं मगर उन्होंने साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रदर्शन करते हुए  सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखने की बात ही कही है|इसीलिए कहा जा सकता है की हमारे नेता गन अभी भी साम्प्रदायिकता की बासी पड़ चुकी  कड़ीमें उबाल लाने का पर्यास करा रहे हैं और नफ़रत की आंच पर काठ की ही हांडी चड़ा रहे हैं|
अयोध्या मांगती है साम्प्रदायिक सौहार्द  

3 comments:

राज भाटिय़ा said...

सहमत हे जी आप की बात से

Everymatter said...

yes the common men has understand some tricks of politicians now

sm said...

yes i agree with you.