Saturday, September 25, 2010

पहली पञ्च वर्षीय योजना अभी भी लंबित है अधूरी है

 निम्न आय वर्ग के  नागरिकों को छत मुहय्या करवाने के लिए आज़ाद भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पहली पञ्च वर्षीय योजना के अंतर्गत होउसिंग स्कीम [एल.आई.जी.एच.एस.]चलवाई   तत्कालीन मिनिस्टरी आफ वर्क्स हाउसिंग एंड सप्लाई द्वारा प्रायोजित इस स्कीम के लिए मेरठ+आगरा+जालंधर+कानपुर+पुणे और सिकंदराबाद में लगभग ९०० मकान छावनी परिषदों से बनवाये गए और लाभार्थिओं को अलोट किये गए यह मकान हायर परचेज नियम के तहत देकर एक निश्चित अवधि के पश्चात अलोटीस को दे दिए[ट्रांसफर] जाने थे |दुर्भाग्यवश दस पञ्च वर्षीय योजनायें पूर्ण हो जाने के उपरान्त भी अभी तक मकान ट्रांसफर नहीं किये गए हैं स्कीम की भावना के ठीक उलट अलोटीस से वसूला जा रहा किराया भी बढ़ा दिया गया है और उनके वारिसों से मकान खाली करवाए जा रहें हैं
              उल्लेखनीय हे की १९६२ में शुरू की गयी इस स्कीम के मकान बीते दशक तक ट्रांसफर कर दिए जाने थे मगर केंट बोर्डों की हठधर्मिता से आयु के अंतिम पड़ाव पर पहुँच चुके वरिस्थ नागरिकों और अलोटीस की विधवाओं को मकान खाली करने को कहा जा रहा है हायर परचेज के अंतर्गत मंत्रालय कॉ लोन कबका चुकाया जा चुका है इसके उपरान्त भी अब मकान ट्रांसफर करने के बजाय उलटे किराया बड़ा कर  स्कीम की भावनाओं के विपरीत कार्य किया जा रहा है कई \मूल अलोटीस  अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाते  उठाते स्वर्ग सिधारगये उनकी विधवा और आश्रित अब न्याय की आस लगाये हैं \
             गौरतलब हे की उत्तर प्रदेश के दो शहर मेरठ और आगरा के अलोटीस ने हाई कोर्ट में न्याय के लिए गुहार लगाईं मकान शीघ्र ट्रांसफर करने और बड़ा किराया वसूली पर रोक लगाने के लिए अपील की गयी आश्चर्यजनक रूप से आगरा के अलोटीस को केंट बोर्ड के विरुद्ध स्टे दिया गया मगर मेरठ के अलोटीस को यह राहत नहीं दी गई |केंट बोर्ड ने दलील दी की मकानों के रख रखाव[मेंटिनेंस]पर ज्यादा खर्चा आ रहा है इसीलिए किराया बढाया जाना चाहिए जबकि मेरठ के अलोटीस कॉ कहना है की दशकों पहले मेंटिनेंस बंद कर दी गई है |केंट बोर्ड पर गलत हलफनामा देने के आरोप भी लग रहे हैं|
           इस अन्याय के विरुद्ध राज्य सभा में भी प्रशन उठाया जा चुका है माननीय उप राष्ट्रपति श्रीके. रहमान खान द्वारा  इसे गम्भीरता से लिया गया है और अर्ध  सरकारी पत्र एच.डी.सी|आर.एस.\वी.आई.पी|२०१० दिनाक १०-०८-२०१० के अंतर्गत रक्षामंत्री से कार्यवाही को भी कहा गया है|रक्षा मंत्रालय ने  दिनाक १२-०८-२०१० को ही पत्रांक ४०८३|वी.आई.पी.|आर.एम्.|२०१० के द्वारा यथा शीघ्र कार्यवाही कॉ आश्वाशन भी दे दिया है |मेरठ शिवाजी कालोनी निवासी अभी भी मकान के जायज़ मालिकाना हक़ को तरस रहे हैं और बेवजह बड़ा हुआ किराया देने को विवश हैं|
          पहली पञ्च वर्षीय योजना अभी भी लंबित है अधूरी है

3 comments:

राज भाटिय़ा said...

अब क्या कहे, यहां प्रजा का राज नही नेताओ का राज चलता है, प्रजा तो बंटी हुयी है, अगर प्रजा मिल कर चले तो सब को सब का हम मिले. धन्यवाद

Everymatter said...

everyone is busy to fill his pockets, corruption is everywhere

sm said...

thanks for sharing
didnt knew it