Sunday, June 6, 2010

सी.जी.एच.एस.सुविधा तो गयी ही मेडिकल अलाउंस भी नहीं दिया गया

केंद्र सरकार के कर्मिओं के स्वास्थ की रक्षा के लिए सी.जी.एच.एस.की व्यवस्था की गई है इस सुविधा के लिए वेतन या पेंशन में से कुछ रकम की कटौती की जाती है

जो कर्मी यह सुविधा नहीं ले पाते उन्हें पहले १००
=और अब सिक्स्थ पे कमीशन में ३००
=दिए जाने हैं मगर इस सब के बावजूद भी अनेकों कर्मी+पेंशनरों को दोनों में से कोई सुविधा नहीं मिल रही है


५१० आर्मी बेस वर्कशॉप से १९९५ में रिटायर हुए तिलक राज ने सम्बंधित अधिकारिओं को एक पत्र लिख कर पेंशन में मेडिकल अलाउंस ३००
=जोड़े जाने की मांग की है
पी.पी.ओ.नंबर सी
ऐऔ.सी
१०७८५
९४ श्री तिलक राज को १_०४_१९९५ में ५१० आर्मी बेस वर्कशॉप से रिटायर किया गया था उस समय उन्होंने अपनी सी.जी.एच.एस. कार्ड जमा करवा करवा कर मेडिकल अलाउंस उस समय १००
=दिए जाने की मांग की लेकिन उनके हाथों से सी.जी.एच.एस.सुविधा तो गयी ही मगर साथ ही साथ मेडिकल अलाउंस भी नहीं दिया गया तब से अब तक लगातार अलाउंस की मांग की जा रही है अब तिलक राज ने पीसीडीऐ [पी]अलाहाबाद को उचित माध्यमों से पत्र भेजा है और विगत १५ वर्षों का अरीयर दिए जाने की मांग की है तिलक राज के अनुसार उम्र के इस पड़ाव पर मेडिकल अलाउंस की बेहद आवश्यकता महसूस होने पर ही यह कदम उठाया गया है

4 comments:

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

RTI के अंतर्गत एक एक कागज की कापी मांगनी चाहिए, CPIO रक्षा-मंत्रालय, साउथ ब्लाग, नई दिल्ली-11 से.

तभी कुछ होगा क्योंकि यहां बेसकैंप जैसी जगहों पर जो भी अधिकारी पोस्ट किये जाते हैं वे समय काटने यहां आते हैं क्योंकि ये पोस्टें खुड्डेलाइन पोस्टें हैं. इसलिए उनके मातहत बाबू लोग अपनी मनमर्ज़ी से काम करते हैं, सब भगवान भरोसे हैं. यहां की दीवारों से माथा फोड़ने के कुछ नहीं होगा वर्ना. क्योंकि यहां सिविलियन स्टाफ की जो बेक़द्री होती है वह कहीं भी नहीं होती.

राज भाटिय़ा said...

भारत मै तो बिना टुकडा फ़ेंके काम नही होता,

Urmi said...

आप ने बहुत ही बढ़िया और सठिक लिखा है! हमारे देश का जो हाल है वहां बिना कुछ दिए काम नहीं बनता!

सहज समाधि आश्रम said...

मैं बबली जी और राज भाटिया जी के
विचारों से सहमत हूँ । वैसे काजल कुमार
जी का कहना भी सही है । ये तरीका
भी कारगर देखा गया है ।
satguru-satykikhoj.blogspot.com