छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अंतर्गत सी.जी.एच.एस. लाभार्थिओं से न्यूनतम १२५|=से लेकर ३२५|=तक मासिक की कटौती की जा रही है|जब की पूर्व में न्यूनतम मात्र ४०|=ही थी|पूर्व में १००|= मासिक की कटौती वाले लाभार्थी सेमीप्रायवेट वार्ड में इलाज़ के लिए अधिक्रत थे अब ३२५|= की कटौती वाले लाभार्थी भी सेमी प्रायवेट वार्ड के लिए अधिक्रत हैं|इतनी बड़ी हुई फीस देने पर भी अभी प्रायवेट वार्ड अधिकाँश के लिए [ज्यादा कटौती करवाने पर भी ]सपना ही बना हुआ है|
मेरठ में लगभग १०००० परिवारों के लिए छेह डिस्पेंसरियां हैं|[१]कंकरखेडा [२]आबुलेन[३]लेखानगर[४]मोहनपुरी[५]विजयनगर[६]सूरजकुण्ड में लगभग २५ डाक्टर हैं इनमे ९ महिलाचिकित्सक भी हैं|आबुलेन में २ आयुर्वेदिक और विजय नगर में २ होमेओपेथिक चिकित्सक हैं|मगर हमेशा की तरह आज भी वहां दवाओं का अकाल है|अधिकांश दवाएं बाज़ार से लेने का परामर्श दिया जाता है|बाज़ार से खरीदी गयी दवाओं का रिएम्बर्समेंट नहीं किया जाता तीन गुना अधिक फीस देने के बावजूद भी दवाएं बाज़ार से लेने को लाभार्थी मजबूर हैं|
एस के रोड पर छेह माह बाद दन्त चिकित्सक की पोस्टिंग हुई है|मगर वहां खराब पडी विशेष कुर्सी की मरम्मत अभी तक नहीं हुई है|
आबुलेन पर पूर्व में इमरजेंसी में इलाज़ की सुविधा को समाप्त कर दिया गया है|के.एम्.सी.हॉस्पिटल को इमरजेंसी में [जनरल]अधिक्रत किया गया है|यह शहर से दूर है और पूरे शहर के लिए एक मात्र अधिक्रत है|
हड्डी रोगविशेषग्य भी कई हैं मगर जरूरत पड़ने पर मेडिकल कालेज या नर्सिंग होम ही रेफर किया जाता है|
4 comments:
भ्रष्टाचार व प्रबंधन की अनुपस्थिति में सरकार स्वास्थ्य सेवा चला पाने में असक्ष्म है.
प्राइवेट अस्पताल कुछ समय बाद ही सरकारी कर्मचारियों को सेवा देना बंद कर देते हैं क्योंकि इन अस्पतालों के बिल पास करने वाले बाबू मोटी-मोटी रिश्वत मांगते हैं.
सब तरह चोर ही चोर बेठे है.... क्या होगा मेरे इस देश का
... भ्रष्टाचार का बोलबाला !!!
विचारणीय प्रश्न .....!!
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