Monday, March 1, 2010

पर्यावरण सरंक्षण

पर्यावरण सरंक्षण को विश्व स्तर पर लगातार प्रयास जारी हैं विकसित देश इसके लिए धनं दे रहे हैं|विकासशील +छोटे मोटे मुल्क प्रदुषण में कटौती और हरितक्रांति लाने का प्रयास कर रहे हैं|भारत में सकल घरेलू उत्पाद का २.६%इस कार्य के लिए खर्च किया जा रहा है|प्रदेश सरकारें भी छोटे मोटे अखबारों में बड़े बड़े विग्ह्यापन छपवा कर जाग्रति फेलाने का प्रयास कर रहे हैं|वृक्षारोपण जारी है|
          पूर्व में हिमालय की बर्फ के मात्र ३० वर्षों में ही पिघल कर तबाही मचाने की आशंका निर्मूल साबित हुई है|इस पर भी बर्फ का पिघलना जारी है|और मौसम में चिंताजनक तब्दीली देखी जा रही है|इस पर हमारे  विशेषग्य पचौरी जी आलोचना के शिकार बने हुए हैं|
      पर्यावरण    में प्रदूषण के लिए निम्न उदहारण [कारण]दिए जा सकते हैं|
[१]मेरठ में यू पी के एक मंत्री और सांसद के बच्चों के निकाह में फायरिंग +गाडिओं के हूटर++कान फोडू डीजे आदि से ध्वनी प्रदूषण ७०० डेसिबल तक पहुँच गया|इससे विवाहस्थल के द्वार पर खड़े हाथी बिदक गए|पगला गए|इनमे से एक आज तक भी  बेकाबू है|
[२]दूसरी घटना पड़ोसी मुल्क में हुई|राष्ट्रपति जरदारी के  शाही  जलूस के कारण सड़कों पर जाम लग गया |इससे मार्ग में ही एक महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया|
              
           पानी बचाओ+बिजली बचाओ

4 comments:

मुंहफट said...

होली पर आपको, आपकी बेहतर रचना को, दोनों को हार्दिक शुभकामनाएं........www.sansadji.com

कडुवासच said...

...पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाये जाने अत्यंत आवश्यक हैं!!!

Urmi said...

बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने! उम्मीद है की पर्यावरण संरक्षण पर जल्द ही कदम उठाया जायेगा !

हरकीरत ' हीर' said...

बल्ले बल्ले ....खबरें भी कहाँ कहाँ से ढूंढ कर लाते हैं .....कुछ ऐसी ही अजीबो- गरीब घटना अखबार में पढ़ी थी ....एक महिला ने ट्रेन के बाथरूम में ही बच्चे को जन्म दिया ...बच्चा नीचे गिर गया ....महिला ने भी चलती ट्रेन से छलांग लगा दी .....और खुदा की कुदरत देखिये दोनों बच गए .....!!

मुझे तो ये समझ नहीं आता लोग शादी व्याह में इतना खर्च क्यों करते हैं ......वही पैसा अगर लड़की या बहु के नाम कर दिया जाये तो उसके काम आये .....!!