स्वाइन फ्लू स्वाइन फ्लू कया हे ये स्वाइन फ्लू जी हाँ बीते ४माह में इसके विषय में बहुत कुछ कहा जा चुका हे बहुत कुछ लिखा जा चुका हेअब तो केंद्रीय स्वास्थ मंत्री गुलाम नबी आजाद रोजाना एन.डी.टी.वी.पर तो कम से कम ब्यान देने आ ही जाते हेंइलेक्ट्रोनिक और प्रिंट मीडिया स्वाइन फ्लू से हो रही मौतों और विघयापनो के माध्यम से ही सही जारूकता का संदेश दे रहे हैंबीते दिनों कुछ इवेंट,घटनाएं,ब्यान ऐसे हुए जिसने यह ब्लॉग लिखने को मजबूर कर दिया[१]मेरठ में दैनिक अमर उजाला ने रन फॉर कंट्री का आयोजन किया जिसमे ५००० से अधिक प्रतिभागिओंके साथ साथ सैक्रों आयोजकों ने भी पूरे जोशो खरोश से भाग लिया इसमे स्वाइन फ्लू के खौफ के प्रतीक मास्क रिपीट नहीं दिखाई दिए [२]मुंबई में दही हांडी फोड़ प्रतियोगिता में स्वाइन फ्लू के डर को अंगूठा दिखाते हुए बड़ी संख्या में गोविन्दायों ने भाग लिया
इन दो घटनाओं ने एक बार फ़िर यह साबित कर दिया की डर का चोला उतार फैकने पर आसानी से लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता हे किसी भी छूआचात को लगाम लगाने के लिए एहतियात,सफाई,परहेज़ बहुत जरूरी होता हे केंद्रीय मंत्री आज़ाद ने एक ब्यान में निराशा जनक भाव का प्रदर्शन करते हुए यह कहा की स्वाइन फ्लू कि लिए कारगर दवा टेमीफ्लू,बिमारी को टेस्ट करने के लिए आवश्यक रसायन और रक्षात्मक उपाए मास्क भी अपर्याप्त हे इनके लिए विदेशों पर निर्भरता एक कारण बताया गया
यहांमे यह कहना चाहूँगा कि विदेशों पर पूर्णतया निर्भरता कि पूर्व में भी कई बार आलोचना हो चुकी हे मगर स्वदेसी के नाम आते ही सरकारों को गश आने लगते हेंइसके समर्थन में यह कहना चाहूँगा कि [१]बाबा राम देव के तुलसी+गलोये के नुक्स्हे को यदि इसी रूप में स्वीकार नही कर सकते तो वैज्ञानिक परीक्षण करवा कर एक सकारात्मक संदेश दिया जा सकता था[२]यदि मास्क बाज़ार में उपलब्ध नहीं है तो इन्हे घर पर ही बनाने कि विधि बताई जा सकती थी इससे बाज़ार में होअर्डिंग स्वत समाप्त हो जाती
इसके अतिरिक्त टी.वी.चैनलों पर केवल केंद्रीय सरकार कि उपलब्धियो और गतिविधिओं को ही टेलेकास्ट किया जा रहा हेइससे यह संदेश जाता हे कि प्रदेश सरकारें इस दिशा में कुछ नही कर रहीं यदि ऐसा हे तो यह बहुत चिंता जनक बात हेऔर यदि वाकई ऐसी ही बात है तो ऐसी सरकारों को कटघरे में खडा करना जरूरी हे
4 comments:
बहुत सही कहा आपने ...
prevention is better is than cure.
आपकी बात से संपुर्ण सहमत हुं।
netyao ko sirf apni jeb bharna say matlab hai
yeh ulta sidha bayan dakar janta ko bavkuf banata hai
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