ग्रह मंत्री प .चिदम्बरम की प्रेस कान्फरेन्स मैं १९८४ के दंगों पर सी .बी .आई द्वारा एक आरोपी जगदीश टाइटलर को क्लीन चिट दिए जाने से सम्बंधित पूछे गए प्रश्न को मंत्री द्वारा टाले जाने पर भावुक हो कर एक सिख पत्रकार ने अपना जूता मंत्री कीe दिशाs बी दिया\इससे स्वाभाविक बवाल हो गया चुनावों के इस महा पर्व hकी घटना ने पूरे मीडिया को मानो हाइजैक कर लिया हो \मंत्री को छोड़ दैनिक जागरण ग्रुप के जरनैल सिंहको घेरे रहे \
बेशक जूता बहुरास्ट्रीय कंपनी का था और उसकी कीमत .५ लाख लगाई जा चुकी है मगर
इस अवसर पर जूते से ज्यादा जूता फैकने वाले की बाडी लेंगुवेज को देखने से निम्न बिन्दुओं पर नज़र डालना जरूरी है\
[१]जरनैल सिंह ने सफ़ेद पगडी बाँधी हुई थी\ सफ़ेद रंग शान्ति का प्रतीकgहै \
[२]आई प्रोटेस्ट कह कर जूता उछाला गया\ केवल एक ही जूता से
[3]जूता उछालने वाला जूता उछाल कर सीट की बैक से पीठ लगा कर बैठ
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[4]सुरक्षा कर्मियों से कोई विरोध नहीं किया मंत्री ने भी कोई भागमभाग नहीं की ulte sabhee se शान्ति banaaye रखने की apeel ही करते रहे
[५]मुद्दे को ठीक मगर अपने इस जूता फैकने के कदम को अनुचित बताया \ mantri ने bhee jarnailको bhavook कहा और
पी.चिदम्बरम ने भी बड़प्पन का parichye देते हुए कोई मुक़द्द्मा दर्ज नहीं कराया
अब प्रश्न उठता है जब दोनों पक्ष ठीक हैं to jootaa kyoon चला \jadish और सज्जन के sansad maarg पर kaante kyoon bich गए \
ye dono praanee sansad me pahuchenge yaa नहीं
इनके कारण दिल्ली और panjaab me kangress आएगी yaa नहीं
मगर यह kleear है की दिल्ली और panjaab me kangress की sattaa और इन दोनों mahaanubhaavon की saansadi मैं कोई रिश्ता जरूर है
कुछ भी हो यह satya है की patrkaaron को press waartaaon मैं दूर bethaayaa जाने lagaa है
1 comment:
मेरी हर एक शायरी पे आपने इतना सुन्दर कमेन्ट दिया कि दिल बाग बाग हो गया !
आप ने बहुत ही खुबसूरत तरीके से लिखा है! मुझे आपका लेखन बेहद पसन्द आया!
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