Monday, October 31, 2011

आज फिर इंदिरा और पटेल की जरुरत है


आज फिर इंदिरा और पटेल की जरुरत है
 भारतीय इतिहास में आज के दिन ने दो अध्याय जोड़े हैं  देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज पुण्यतिथि है। आज से 27 साल पहले 31 अक्टूबर 1984 को उनकी हत्या कर दी गई थी।  आज लोह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म दिवस है |इन दोनों हस्तिओं ने भारतीय जन मानस पर अमित छाप  छोडी है|सरदार वल्लभ भाई पटेल (31 अक्तूबर, 1875 - 15 दिसंबर, 1950) भारत की आजादी के बाद  प्रथम गृह मंत्री और उपप्रधानमंत्री बने। उन्हे भारत का लौह पुरूष  +चाणक्य और इंडियन बिस्मार्क भी कहा जाता है|श्रीमती इंदिरा गांधी ने राजाओ के प्रीवी पर्स समाप्त कर उन्हें एक सामान्य नागरिक बनाने और पाकिस्तान के घमंड को चकना चूर करने का श्रेय भी जाता है|
         स्वतन्त्रता आन्दोलन में सरदार पटेल का सबसे पहला और बडा योगदान खेडा संघर्ष में हुआ। गुजरात का खेडा खण्ड(डिविजन) उन दिनोम भयंकर सूखे की चपेट में था। किसानों ने अंग्रेज सरकार से भारी कर में छूट की मांग की। जब यह स्वीकार नहीं किया गया तो सरदार ने किसानों का नेतृत्व किया और उन्हे कर न देने के लिये प्रेरित किया। अन्त में सरकार झुकी और उस वर्ष करों में राहत दी गयी। यह सरदार पटेल की पहली सफलता थी।सरदार पटेल ने छोटी छोटी रियासतों को  भारतीय जहंडे के नीचे ला कर एक मज़बूत शसक्त और विशाल संघ की स्थापना की
    इस दोनों हस्तिओं को मेरा कोटि कोटि नमन|
इन दोनों नेताओं ने कथनी या शाब्दिक विचारों को आधार बना कर राजनीति करने और महज़ थोथे स्वप्नों में जीने  के बजाय अपनी दढ़ इछा शक्ति से विश्व का मार्ग दर्शन किया है |दुर्भाग्य से आज इनके विचारों को केवल नारे के रूप में आगे राकहने और उन पर फूल माला चडाने की परम्परा का निर्वाह ही किया जा रहा है|जहाँ इंदिरा जी शब्दों के बजाये कर्म को प्रधानता देती थी वहीं आज उनके पार्टी सत्ता में होते हुए भी केवल अखबारों में  लाखों रुपयों के विज्ञापन छपवा कर  इति सिधि कर लेती है |इंदिरा जी के गरीबी उन्मूलन का  मार्ग दर्शन  महज़ नारा बन कर   रह गया गया है\
 सरदार पटेल की देश भक्ति के स्थान पर कुर्सी +सत्ता  सर्वोपरी हो गई है|देश को मजबूती से जोड़े  रखने  के बजाये उसके तुकडे किये जाने के रास्ते तलाशे जा रहे है|चीन|और पकिस्तान निरंतर  निर्लज्जता से भारतीय  भूमि =संपदा पर काबिज़ हो रहे हैं|\इसीलिए भारत को मज़बूत एकजुट बनाए रखने के लिए आज फिर इंदिरा और पटेल की जरुरत है

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