{१} इंडोनेसिया जेसे छोटे से देश में कचरा निस्तारण को सफलता पूर्वक मनेज कर के वहाँ की अर्थ व्यवस्था को केवल सुधारा ही नहीं गया वरन कचरा बीनने वालों को भी रास्ट्र की मुख्या धारा में लाया गया बेशक वहाँ कचरा बीनने वालों ने ख़ुद ही मीडिया ,समाज को मनेज किया मगर हमारे यहाँ अशिक्षा के अभिशाप से कचरा बीनने वाले भी मुक्त नहीं हे इसी लिए यह लोग भी उपेक्षित हें और इन्हे समाज और हुकुमरानों का साथ आवश्यक हें दुर्भाग्य वश इस दिशा में अभी पहला कदम भी नहीं उठाया जा सका हे कचरा निस्तारण योजना के नाम पर रोजाना अखबारों में सुर्खियाँ बटोरी जा रही हें केन्द्र और प्रदेश की सरकारों ने आवश्यक धन की पहली किस्त भी रिलीज़ कर दी हे मगर हमारे लोकल हुकुमरानों को अभी तक योजना के लिए जमीं अधिकृत करने में सफलता नहीं मिली हे
{2}कचरा बीनने वालों का कोई रिकॉर्ड नहीं हे शायद इसी लिए रोजाना कहा जा रहा हे की कचरा बीनने वालों में अब अवेध रूप से बँगला देशी भी घुष आए हें लेकिन इन्हे डीपोर्ट करने की बात तो दूर , इनकी संख्या इनकी पहचान और इनके मददगारों के साथ साथ इनके ठिकानों तक का पत्ता कहीं रेकॉर्डेड नहीं हें इसीलिए आज जरुरत हे की {१}एन जी ओ के सहयोग से इस समस्या का सकारात्मक उपाय निकाला जाना चाईए {२}मर्दमशुमारी करा कर के बँगला देशियों को अलग करके इनके ऊपर के हाथों की पहचान जरूरी हे
{३}कचरा बीनने वालों को कचरा ठेदारों से मुक्त करने के लिए कचरा निश्तारण योजना को युद्ध स्तर पर पूरा करके कचरा ,बिजली और बेराजगारी की समस्या से निबटा जा सकता हे
{4}एन जी ओस के सहयोग से कचरा बीनने वालों के लिए शिक्षा ,हेल्थ,निवास और रोज़गार की योजना बना कर निश्चित अवधि में उसे कार्यान्वित करके मेरठ को एक और दंगे से बचाया जा सकता हे
जमोस झल्ला
1 comment:
्अच्छा िलखा है आपने । कचरा िनस्तारण पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है ।
दीपावली पर आपको और पिरवार के लोगों को हािदॆक शुभकामनाएं । ज्योितपवॆ आपके जीवन में खुिशयों का आलोक िबखेरे, यही मंगलकामना है ।
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